छत्तीसगढ़

एक रुपया, एक पइली धान किसानो के समर्थन में NSUI का अनोखा अभियान..

बालोद… जिले धान खरीदी केंद्रों में पहुंच कर एक रुपया और एक पईली धान. अभियान के अंतर्गत NSUI प्रदेश अध्यक्ष...

ब्रेकिंग न्यूज़ , तालाब में मिली अज्ञात महिला की शव , जांच पर जुटी पुलिस

उरेन्द्र साहू पत्रकार गरियाबन्द / मैनपुर | मैनपुर में मिली एक अज्ञात महिला की लाश मिली जानकारी के अनुसार शव...

स्मृति दीदी करो हमारा उद्धार, नीरज भैया के सपनो को करो साकार, मैनपुर – देवभोग की है ये पुकार |

स्मृति दीदी करो हमारा उद्धार, नीरज भैया के सपनो को करो साकार, मैनपुर – देवभोग की है ये पुकार |...

इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़ -) महिला सशक्तिकरण की दिशा में प्रदेश आला कमान ने बेहतर कदम उठाया है- स्मृति ठाकुर

ब्लाॅक कांग्रेस अमलीपदर अध्यक्ष के स्वागत सम्मान समारोह में उमडे 40 गांव के हजारों ग्रामीण इतेश सोनी गरियाबंद। आदिवासी आरक्षित...

प्रधानमंत्री आवास दिलाने के नाम पर शिक्षक ने लिया 54000 रुपये ,

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द प्रधानमंत्री आवास के नाम पर शिक्षक द्वारा ठगी का मामला आया सामने, गरियाबन्द / छुरा...

इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़ -) राजिम सिर्फ एक शहर नहीं, छत्तीसगढ़ की संस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी – श्री भूपेश बघेल

इतेश सोनी ब्यूरो गरियाबंद। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजिम में आयोजित राजिम भक्तिन माता जयंती समारोह में बतौर मुख्य...

खेल जीवन का एक महत्व अंग है , एकता का होता है विकास – संजय नेताम

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबंद गरियाबंद | ग्राम बुरजाबहाल में आयोजित शीतकालीन क्रिकेट प्रतियोगिता के समापन अवसर पर फाइनल मैच...

1 लाख का हार हुआ पार , राजिम भक्तिन माता जयंती में हुई चोरी

पत्रकार उरेन्द्र साहू गरियाबंद गरियाबंद / राजिम |गरियाबंद जिले के राजिम नगरी में राजिम भक्तिन माता जयंती के उत्सव लेने...

छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन धमतरी जिला अध्यक्ष राजू दीवान ने किया जिला पंचायत सीईओ आईएएस मयंक चतुर्वेदी का वेलकम 2017 बैच के आईएएस अधिकारी है मयंक चतुर्वेदी…

धमतरी जिला पंचायत के नए सीईओ के रूप में कार्यभार संभाल संभाल रहे मयंक चतुर्वेदी से छत्तीसगढ़ जर्नलिस्ट यूनियन के...

मुख्यमंत्री भुपेश बघेल राजिम भक्तिन माता जयंती महोत्सव में हुये शामिल

(पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबंद ) मुख्यमंत्री भूपेश बघेल राजिम भक्तिन माता जयंती महोत्सव में शामिल हुए गरियाबंद | राजिम...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।