इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़ -) राजिम सिर्फ एक शहर नहीं, छत्तीसगढ़ की संस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी – श्री भूपेश बघेल
इतेश सोनी ब्यूरो गरियाबंद। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल आज राजिम में आयोजित राजिम भक्तिन माता जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राजिम महोत्सव के प्रारंभ से एक नव चेतना का प्रारंभ हुआ है। राजिम केवल धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि तीन नदियों और उत्तर-दक्षिण का संगम है। उन्होंने कहा कि राजिम को केवल एक शहर के रूप में नहीं बल्कि राज्य के सांस्कृतिक विरासत के रूप में देखना चाहिए। यहां केवल नदियों का ही नहीं बल्कि विचारधाराओं का संगम होता है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि साहू समाज द्वारा समाज को नई ऊंचाई देने का प्रयास किया गया है जिसके लिए समाज बधाई के पात्र हैं।
उन्होंने इस अवसर पर 3 बड़ी घोषणाओं का एलान किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने नया रायपुर में राजिम माता के नाम पर शोध संस्थान और सेवा कार्य के लिए 5 एकड़ जमीन देने की घोषणा की। राजिम मेला स्थल में साहू समाज को भव्य धर्मशाला निर्माण के लिए 50 लाख रुपए रुपए देने एवं समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फिंगेश्वर को राजिम माता के नाम पर करने की घोषणा की। अपने उद्बोधन के दौरान श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पिछले वर्ष किए गए घोषणा के अनुरूप 54 एकड़ जमीन का चयन कर लिया गया है और यहां तेजी से विकास किया जाएगा। यहां साधु-संतों के निवास से लेकर अधिकारी कर्मचारियों की रहने व्यवस्था, मंडप, मेला, मीना बाजार आदि के लिए स्थाई सुविधा विकसित किया जाएगा । उन्होंने यह भी कहा कि राज्य छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा दे रही है और इसी को केंद्र मानकर विकास कार्य कर रही है। राज्य सरकार छत्तीसगढ़ वासियों का गरिमा और मान-सम्मान बढ़ाने के लिए संस्कृति को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है।
उन्होंने प्रदेशवासियों को राजिम माता भक्ति जयंती की बधाई दी और कहा कि भक्त राजिम माता ने जिस साहू समाज को अपनी मेहनत और त्याग से संगठित किया, आज वह समाज शिक्षा, कृषि व व्यवसाय सहित सभी क्षेत्रों में संगठित तरीके से काम कर आगे बढ़ रहा है और दूसरे समाज भी उनका अनुकरण कर रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल आज राजिम के मेला स्थल में प्रदेश साहू संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचकर सबसे पहले भक्त माता राजिम की पूजा-अर्चना एवं माल्यार्पण कर प्रदेश की सुख-समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि राज्य की संस्कृति को बढ़ावा देने का काम राज्य सरकार ने तेजी से कर रही है जिसके फलस्वरूप छत्तीसगढ़ वासियों को खुद का सरकार होने का एहसास हो रहा है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू के प्रस्ताव पर राजिम कुंभ का नाम बदलकर राजिम माघी पुन्नी मेला रखा गया और यहीं से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उभारने और सँवारने का क्रम लागातार जारी है।
इस अवसर पर गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम भक्तिन माता की जयंती एवं नववर्ष की बधाई देते हुए कहा कि साहू समाज एक संगठित समाज के रूप में जाना जाता है। यह समाज अन्य समाज को भी दिशा दे सकता है। आज साहू समाज सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण है। मंत्री श्री साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, बोली, रहन-सहन और परम्परा को आगे बढ़ाना प्रदेश शासन का प्रमुख उद्देश्य है। इसे ध्यान में रखते हुए राजिम महाकुंभ का नाम बदलकर राजिम माघी पुन्नी मेला के नाम से आयोजन किया जा रहा है। श्री साहू ने कहा कि सरकार के योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। उन्होंने समाज को दिखावा से दूर रहने का आग्रह भी किया। अभनपुर विधायक श्री धनेंद्र साहू ने अपने उद्बोधन में साहू समाज की आराध्य देवी माता कर्मा जयंती के अवसर पर शासन द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर विशाल स्वास्थ्य शिविर केे आयोजन किया गया, जिसमे नागरिकों ने रक्तदान किया। कार्यक्रम में संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू, महासमुंद सांसद श्री चुन्नी लाल साहू, बिलासपुर सासंद श्री अरुण साव ,राज्य सभा सांसद श्री विवेक तनखा, थानेश्वर साहू, पूर्व सांसद श्री चन्दूलाल साहू, व अभनपुर विधयक श्री धनेद्र साहू, विधायक राजिम श्री अमितेश शुक्ल, प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी, संरक्षक श्री विपिन साहू, पूर्व मंत्री श्रीमती रमशीला साहू एवं साहू समाज के पदाधिकारी डाॅ ममता साहू, मोती लाल साहू, सहित साहू समाज के अन्य प्रतिनिधि, सदस्य और बड़ी संख्या में स्वजातीय बन्धु तथा कलेक्टर श्री निलेशकुमार क्षीरसागर, पुलिस अधीक्षक श्री भोजराम पटेल, जिला पंचायत के सीईओ श्री चन्द्रकांत वर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।