छत्तीसगढ़

बालोद जिले में अवैध सागौन कटाई से मचा गांव में हड़कंप शिकायत के बाद हो रही अब कार्यवाही , वन विभाग द्वारा लगाए गए 11 मोटे पेड़ काटकर अवैध रूप से हुई बिक्री…

बालोद जिले के एक गांव में सरपंच पति द्वारा अवैध रूप से सागौन के 11 पेड़ को काटने का मामला...

भगवती मानव कल्याण शक्ति चेतना ने निकाली रैली , दिये संदेश

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द भगवती मानव कल्याण संगठन व शक्ति चेतना संगठन के तत्वावधान में 26 जनवरी को ग्राम...

मैनपुर पुलिस द्वारा सामाजिक सेवा से जुडे महिलाओं का किया गया सम्मान – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर। गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर पुलिस अधीक्षक भोजराम पटेल के अनोखी पहल से मैनपुर क्षेत्र...

मैनपुर के छात्र ठनेन्द्र कुमार सोनवानी को राज्यपाल प्रमाण पत्र से किया गया सम्मानित – इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। मैनपुर हरदीभाठा निवासी शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मैनपुर कक्षा 12 वीं के छात्र ठनेन्द्र कुमार सोनवानी पिता...

राज्य सूचना विज्ञान केंद्र और सूचना प्रौद्योगिकी की मासिक पत्रिका जेल विभाग को भेंट – इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़। भारत सरकार, इलेक्ट्रॉनिकी और सुचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की छत्तीसगढ़ राज्य सूचना - विज्ञान केंद्र (एन आई...

गुरूर थाना परिसर में हुआ ध्वजारोहण. गुरूर पुलिस हमेशा आपके साथ हैं. अरुण नेताम थाना प्रभारी गुरूर.

बालोद. गुरूर.जिले के थाना गुरूर में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी गणतंत्र दिवस समारोह सादगी पूर्ण रूप से मनाया...

कालेज मे मनाया सादगी पूर्ण गणतंत्र दिवस. लगे भारत माता की जय के नारे

बालोद. गुरूर :- माँ बहादुर कलारिन कला एवं विज्ञान महाविद्यालय गुरूर, जिला-बालोद (छ.ग.) में प्रतिवर्ष कीभांति इस वर्ष भी 26...

हर वर्ष की तरह नगर पंचायत क्षेत्रः गुरूर मे हुआ ध्वजारोहण. पार्षद मुकेश साहू ने किया ध्वजारोहण..

बालोद–गुरुर नगर पंचायत गुरूर शिव चौक में 26 जनवरी को नगर पंचायत पार्षद श्री मुकेश साहू जी के संचालन में...

बड़ा सवाल – देर रात तक लहराता रहा तिरंगा , जिम्मेदार कौन

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द कोपरा | भारत देश के छत्तीसगढ़ राज्य में गरियाबन्द जिले के ग्राम पंचायत रक्सा में...

“सलूट तिरंगा” छत्तीसगढ़ के युवा प्रदेश अध्यक्ष बने फेमस बॉडी बिल्डर और युथ आइकॉन श्री विनय पांडेय जी – इतेश सोनी छत्तीसगढ़

इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़। गणतंत्र दिवस के पावन अवसर पर राष्ट्रीय गैरराजनीतिक संगठन "सलूट तिरंगा" के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री राजेश...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।