छत्तीसगढ़

राजकीय पशु वनभैसा प्रिंस की तबीयत दिन ब दिन बिगडती जा रही है, आंख में खराबी के चलते नही चल पा रहा वनभैसा- इतेश सोनी गरियाबंद

वन विभाग ने बाडे में कैद कर रखा वनभैसा प्रिंस का कर रहे है देखरेख, दो वर्षो से है बीमार...

जिला पंचायत अध्यक्ष स्मृति ठाकुर मैनपुर पहुची क्षेत्रभर के सरपंच, जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणाें ने समस्याओं से अवगत कराया- इतेश सोनी गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर - जिला पंचायत गरियाबंद के अध्यक्ष श्रीमती स्मृति ठाकुर आज बुधवार को दोपहर 12 बजे मैनपुर...

मंत्री ताम्रध्वज साहू का राजिम आगमन आज

पत्रकार - उरेन्द्र साहू गरियाबन्द छत्तीसगढ़ प्रदेश के गृह एवं गरियाबन्द जिले के प्रभारी मंत्री ताम्रध्वज साहू का आज राजिम...

“बघवा नहीं ये ठगवा है” – छत्तीसगढ़ी फिल्म की शूटिंग होगी गरियाबंद जिले के जंगलो में | इस फिल्म के हर दृश्य में हंसी मजाक से भरपूर मनोरंजन होगा | “सोनी फिल्म एंड टूरिज्म” के द्वारा किया जाएगा फिल्म निर्माण |

“बघवा नहीं ये ठगवा है” - छत्तीसगढ़ी फिल्म की शूटिंग होगी गरियाबंद जिले के जंगलो में | इस फिल्म के...

“टाईगर रिजर्व में गब्बर सिंग” – छत्तीसगढ़ी फिल्म की शूटिंग होगी गरियाबंद जिले के जंगलो में | इस फिल्म के हर दृश्य में हंसी मजाक से भरपूर मनोरंजन होगा | “सोनी फिल्म एंड टूरिज्म” के द्वारा किया जाएगा फिल्म निर्माण |

"टाईगर रिजर्व में गब्बर सिंग" - छत्तीसगढ़ी फिल्म की शूटिंग होगी गरियाबंद जिले के जंगलो में | इस फिल्म के...

जिले में अब तक की हीरा तस्करी पर सबसे बडी कार्यवाही, 221 नग हीरा जप्त – इतेश सोनी गरियाबंद

22 लाख 10 हजार का हीरा बरामद।घेराबन्दी कर हीरा तस्कर को पकडा गया,पिछले एक वर्ष में हीरा तस्करी के 5...

राष्ट्रीय ब्राह्मण महा संस्था के मातृशक्ति प्रकोष्ठ की अध्यक्ष बनी वरिष्ठ पत्रकार मेघा तिवारी – इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़

इतेश सोनी ब्यूरो छत्तीसगढ़ रायपुर। राष्ट्रीय ब्राह्मण महा संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील तिवारी के द्वारा वरिष्ठ पत्रकार एवं वरिष्ठ...

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बोडरा में COVID टीकाकरण का शुभारंभ किया गया

बालोद–विकास खंड गुरूर में जिला प्रशासन के निर्देश व खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ जी आर रावटे के निगरानी में सामुदायिक...

COVID जांच शिविर का आयोजन सरपंच लेखक चतुर्वेदी एवम् ग्राम पंचायत कोलिहामार व स्कूल शिक्षकों की भागीदारी

बालोद–विकास खंड गुरूर के ग्राम कोलिहामार में पंचायत प्रतिनिधियों का शिविर आयोजन में महत्व पूर्ण योगदान रहा। कोरोना संकट की...

नगरीय प्रशासन मंत्री शिव कुमार डाहरिया संग पहुंचे भुवनेश्वर बघेल अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण अध्यक्ष और कुँवर सिंग निषाद संसदीय सचिव… गुरूर ब्लाक के अरमरीकला..

बालोद.. दिनांक 1 फरवरी 2021 दिन सोमवार को विभिन्न कार्यो का भूमिपूजन एवं लोकार्पण समारोह मे गुण्डरदेही एवं अरमरीकला गुरूर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।