“टाईगर रिजर्व में गब्बर सिंग” – छत्तीसगढ़ी फिल्म की शूटिंग होगी गरियाबंद जिले के जंगलो में | इस फिल्म के हर दृश्य में हंसी मजाक से भरपूर मनोरंजन होगा | “सोनी फिल्म एंड टूरिज्म” के द्वारा किया जाएगा फिल्म निर्माण |
“टाईगर रिजर्व में गब्बर सिंग” – छत्तीसगढ़ी फिल्म की शूटिंग होगी गरियाबंद जिले के जंगलो में | इस फिल्म के हर दृश्य में हंसी मजाक से भरपूर मनोरंजन होगा | “सोनी फिल्म एंड टूरिज्म” के द्वारा किया जाएगा फिल्म निर्माण |
रायपुर | प्रकृति एवं संस्कृति रिसर्च सोसाईटी के द्वारा छत्तीसगढ़ के कला और परम्परा पर भी रिसर्च किया जा रहा है | रिसर्च में पाया गया है की छत्तीसगढ़ में “छत्तीसगढ़ी नाटको” की परम्परा व कला अब विलुप्त हो रही | इस परम्परा व कला को जिवंत रखने के लिए हम “छत्तीसगढ़ी नाटको” को शार्ट फिल्मो के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा | अभी पहला “छत्तीसगढ़ी नाटक” पर शार्ट फिल्म बनाया जा रहां है जिसका नाम “टाईगर रिजर्व में गब्बर सिंग” | इस फिल्म का निर्माण “सोनी फिल्म एंड टूरिज्म” के द्वारा किया जाएगा | फिल्म निर्माण के लिए निर्माता प्रवीण देवांगन, डायरेक्टर तीव कुमार सोनी, शिवशंकर सोनपीपरे जोर शोर से तैयारी कर रहे है | पूरी फिल्म की शूटिंग गरियाबंद जिले के जंगलो में की जायेगी जिसके लिए लोकेशन आदि फायनल कर लिया गया है |
“टाईगर रिजर्व में गब्बर सिंग” एक बहुत ही मजेदार छत्तीसगढ़ी नाटक की स्टोरी है जिसके हर सीन में भारी कामेडी है | “टाईगर रिजर्व में गब्बर सिंग” की पुरी कहानी इस प्रकार है – मंगल ग्रह के राज्य छतासगढ़ में गीतानदी टाईगर रिजर्व है जिसमे कोई भी बाघ नहीं है पर वहा पर बाघ नहीं होने पर भी बाघ के नाम पर करोडो रुपया गायब कर कर दिया जाता है | टाईगर रिजर्व 50 किमी के क्षेत्र में फैला होता है और वहा के जंगल में डाकू गब्बर सिंग का एक क्षत्र राज रहता है | डाकू गब्बर सिंग 50 गावो से धान पैसा आदि वसूल कर अपना डाकू गैंग का संचालन करता है |
यहाँ तक सब कुछ ठीक ठाक चलता रहता है पर समस्या तब उत्पन्न होती है जब वन विभाग टाईगर रिजर्व के नाम पर सारे गाँवों को खाली करवाने के के लिए अभियान चलाता है | वन विभाग के भारी दबाव के कारण गाँवों में रहने वाले लोग गाँव छोड़ कर जाने लगते है | पूरा गाँव का गाँव खाली हो जाने के कारण डाकू गब्बर सिंग को पैसा और धान नहीं मिल पाटा जिस कारण डाकू गब्बर सिंग को अपना डाकू गैंग को चलाने में भारी दिक्कत होने लगती है | तब डाकू गब्बर सिंग वन विभाग के रेंजर के पास जाकर धमकी देता है की किसी भी गाँव को खाली नहीं कराया जाए अन्यथा वन विभाग को जंगल में घुसने नहीं दिया जाएगा | जिस पर रेंजर के द्वारा डाकू गब्बर सिंग को अपमानित कर के भगा दिया जाता है | तब वन विभाग को सबक सिखाने के लिए डाकू गब्बर सिंग अपने दो ख़ास आदमी सांबा और कालिया को वन विभाग के खिलाफ तैनात करता है | सांबा और कालिया वन विभाग की हर गतिविधि की जानकारी गब्बर सिंग को देते रहते है | उसके बाद डाकू गब्बर सिंग और वन विभाग में भारी टकराव होता है फिर इसमें ऐसा ऐसा घटनाक्रम होता है जो भारी कामेडी से भरी हुई है | फिल्म के हर दृश्य में भारी हंसी मजाक और कामेडी है |