छत्तीसगढ़

बच्चों को सुरक्षित रखने सभी विभाग आयें आगे -प्रभा दुबे…

बालोद–अपने एक दिवसीय बालोद प्रवास पर पहुंची राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने आज स्थानीय...

कोरोना से बचाव के लिए करे उपाय पुलिस कप्तान ने दिए निर्देश…

बालोद.. जिले के पुलिस अधिकारी/कर्मचारियों को कोरोना से बचाव हेतु मास्क एवं हैण्ड सैनेटाइजर कियागया वितरण कोरोना से बचाव हेतु...

मैनपुर 2 में क्रिकेट मैच का हुआ आयोजन , पहुंचे T.I. वेदमती दरियो

उरेन्द्र साहू गरियाबन्द पत्रकार गरियाबन्द | सामुदायिक पुलिसिंग के तहत ग्राम मैनपुर-2 में क्रिकेट मैच का आयोजन पुलिस और जनता...

झरगाव प्रीमियर लिग क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच में अमलीपदर 11 स्टार टीम ने मारी बाजी ।

आयुष दुबे अमलीपदर ।झरगाव प्रीमियर लिग क्रिकेट प्रतियोगिता का फाइनल मैच अमलीपदर 11 स्टार और उदंती टाइगर कोयबा के बीच...

ग्राम पंचायत गिरसुल में मां ठाकुरानी क्रिकेट क्लब के द्वारा सीजन 2 का प्रारंभ हुआ

आयुष दुबे अमलीपदर । आज दिनांक 08.01. 2021 को ग्राम पंचायत गिरसुल में मां ठाकुरानी क्रिकेट क्लब के द्वारा सीजन...

एक सप्ताह से गायब महिला की सडी गली शव तालाब में मिली- इतेश सोनी ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। तहसील मुख्यालय मैनपुर नगर के नया तालाब में आज शुक्रवार को सुबह 10 बजे के आसपास एक...

आखिर पीले कपड़े पहन कर क्यों बैठे सचिव संघ के सदस्य.. बालोद जिले के गुरूर ब्लाक के सचिव पढ़िए पूरी ख़बर…

बालोद… प्रदेश पंचायत सचिव संघ के प्रांतीय आह्वान पर पूरे छत्तीसगढ़ के पंचायत सचिव 26 तारीख से अनिश्चितकालीन काम बंद...

एक रुपया, एक पइली धान किसानो के समर्थन में NSUI का अनोखा अभियान..

बालोद… जिले धान खरीदी केंद्रों में पहुंच कर एक रुपया और एक पईली धान. अभियान के अंतर्गत NSUI प्रदेश अध्यक्ष...

ब्रेकिंग न्यूज़ , तालाब में मिली अज्ञात महिला की शव , जांच पर जुटी पुलिस

उरेन्द्र साहू पत्रकार गरियाबन्द / मैनपुर | मैनपुर में मिली एक अज्ञात महिला की लाश मिली जानकारी के अनुसार शव...

स्मृति दीदी करो हमारा उद्धार, नीरज भैया के सपनो को करो साकार, मैनपुर – देवभोग की है ये पुकार |

स्मृति दीदी करो हमारा उद्धार, नीरज भैया के सपनो को करो साकार, मैनपुर – देवभोग की है ये पुकार |...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।