छत्तीसगढ़

*छत्तीसगढ़ का एक ऐसा आश्रम जहां प्रकृति की गोद में मनाया जाता है होली* इस आयोजन में अतिथि के रूप में होते हैं गौ माता, चमगादड़, पलाश के पेड़ व कीट पतंग*

*छत्तीसगढ़ का एक ऐसा आश्रम जहां प्रकृति की गोद में मनाया जाता है होली* इस आयोजन में अतिथि के रूप...

*होली की हुड़दंग– कवियों के संग: वक्ता मंच की काव्य गोष्ठी में खूब जमा रंग*

*होली की हुड़दंग-- कवियों के संग: वक्ता मंच की काव्य गोष्ठी में खूब जमा रंग*     चेतन भारती को...

*विश्व हिंदू परिषद की प्रान्त बैठक में शिशुपाल सिंह राजपुत बने प्रदेश उपाध्यक्ष व जिले में दायित्वों का परिवर्तन*

*विश्व हिंदू परिषद की प्रान्त बैठक में शिशुपाल सिंह राजपुत बने प्रदेश उपाध्यक्ष व जिले में दायित्वों का परिवर्तन*  ...

*रायपुर ग्रामीण कार्यकर्ताओ में बीजेपी प्रवेश करने वालो को लेकर भारी असंतोष, इसमें कुछ जमीन कब्ज़ा वाले भी*

*रायपुर ग्रामीण कार्यकर्ताओ में बीजेपी प्रवेश करने वालो को लेकर भारी असंतोष, इसमें कुछ जमीन कब्ज़ा वाले भी*    ...

*शासकीय महाविद्यालय राजिम को 5 करोड़ की राशि स्वीकृत*

*शासकीय महाविद्यालय राजिम को 5 करोड़ की राशि स्वीकृत*     गरियाबंद --- शासकीय राजीव लोचन स्नातकोत्तर महाविद्यालय राजिम को...

*गोहरापदर में भाजपा का विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन संपन्न,* *बिन्द्रानवागढ़ ने हमेशा भाजपा को जीत दिलाई, इस बार 50 हजार से अधिक मतो से बढ़त का लक्ष्य – टंकराम वर्मा*

गोहरापदर में भाजपा का विधानसभा स्तरीय कार्यकर्ता सम्मेलन संपन्न, बिन्द्रानवागढ़ ने हमेशा भाजपा को जीत दिलाई, इस बार 50 हजार...

*डिग्री गर्ल्स कॉलेज और प्योर व दोस्त के द्वारा विशेष संरक्षित जनजाति के उत्थान पर *राज्य स्तरीय सेमिनार* का आयोजन किया गया*

*डिग्री गर्ल्स कॉलेज और प्योर व दोस्त के द्वारा विशेष संरक्षित जनजाति के उत्थान पर *राज्य स्तरीय सेमिनार* का आयोजन...

रायपुर लोकसभा के प्रबल दावेदार शंकर मेहत्तरलाल की टिकट कटी तो कांग्रेस के बड़े नेताओं पर लगाएं गंभीर आरोप

रायपुर(पोलिटिकल डेस्क)। कांग्रेस में विधानसभा चुनाव के पहले से टिकट वितरण को लेकर उपजे कलह खत्म होने के बजाए लगातार...

*कांग्रेस के शंकर मेहत्तर लाल साहू ने लोकसभा टिकट कटने पर अपने ही बड़े नेताओं पर लगाएं गंभीर आरोप*

*कांग्रेस के शंकर मेहत्तर लाल साहू ने लोकसभा टिकट कटने पर अपने ही बड़े नेताओं पर लगाएं गंभीर आरोप* पढ़िए...

*जिला प्रभारी सचिव श्री महादेव कावरे ने की विकास कार्यों की समीक्षा*

*जारी विकास परियोजनाओं के कार्यों की गति करे तेज- सचिव श्री कावरे* *जिला प्रभारी सचिव श्री महादेव कावरे ने की...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।