शिवशंकर सोनपिपरे

यूक्रेन के ऊर्जा ठिकानों पर रूसी हमले से क्यों बौखलाया, अब रूस से भिड़ेगा पोलैंड? उतारा फाइटर जेट

वॉरसा रूस और यूक्रेन के बीच करीब तीन साल से चल रहा युद्ध और गहरा गया है। क्रिसमस के दिन...

प्रयागराज में शुरू हो गया महाकुंभ 2025, पंचनाम जूना अखाड़ा का छावनी प्रवेश

प्रयागराज   सनातन आस्था के सबसे बड़े समागम महाकुम्भ 2025 को अब चंद दिन शेष रह गए हैं और मेला...

अब राजधानी भोपाल होगी भिखारी मुक्त, पुलिस रखेगी चौराहों और मंदिरों के बाहर नजर

भोपाल  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल को भिखारियों से मुक्त शहर बनाने की कवायद शुरू हो गई है। समाज कल्याण...

RCC नाली निर्माण कार्य शाहपुर मुख्य मार्ग से बाटा शो रूम तक लागत 34.36 लाख रुपए का हुआ भूमि पूजन

शाहपुर आज दिनांक 26/12/2024 दिन गुरुवार को  सुबह 01 बजे शुभ मूहर्त में वॉर्ड न 38 पार्षद  तुलसी अनिल कुमार...

बिहार-राजद के कई नेता एनडीए के संपर्क में हैं: केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी

पटना। बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच केंद्रीय मंत्री औ एनडीए गठबंधन के सहयोगी जीतन राम मांझी ने बड़ा...

विप्र फाउंडेशन महिला प्रकोष्ठ अध्यक्ष पिंकी बाजारी सहित 35 महिलाओं द्वारा की गई भोरमदेव की धार्मिक यात्रा ….

रायपुर - प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सरोदा डैम जाकर विप्र सखियों ने वहां बहुत शांति और आनंद का अनुभव किया,,...

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन*

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन*   रायपुर - कांग्रेस के नेता अनिल यादव ने अपना जन्मदिन पूर्व...

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन*

*कांग्रेसी नेता अनिल यादव का मनाया गया जन्मदिन* रायपुर - कांग्रेस के नेता अनिल यादव ने अपना जन्मदिन पूर्व मुख्यमंत्री...

*ओबीसी महासभा जिला इकाई गरियाबंद का बैठक सम्पन्न* *नगरी निकाय चुनाव हेतु पार्षद के आरक्षण में ओबीसी आरक्षण में हकमारी पर ओबीसी महासभा लामबंद*

*ओबीसी महासभा जिला इकाई गरियाबंद का बैठक सम्पन्न* *नगरी निकाय चुनाव हेतु पार्षद के आरक्षण में ओबीसी आरक्षण में हकमारी...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।