शिवशंकर सोनपिपरे

संजय नेताम के प्रयास से मैनपुरकला वासियो को मिला हेंडपम्प की सुविधा

संजय नेताम के प्रयास से मैनपुरकला वासियो को मिला हेंडपम्प की सुविधा मैनपुर । भयंकर पेयजल के संकट से जूझ...

बीजापुर से दो स्थायी वारंटी नक्सली गिरफ्तार, संगीन वारदातों में शामिल होने का आरोप

छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से सुरक्षा बल के जवानों ने दो नक्सलियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है. गिरफ्तार...

छत्तीसगढ़: अधूरा निर्माण बनी रही रायपुर के लिए आफत, इन प्रोजेक्ट्स के पूरा होने का है इंतजार

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में अधूरे निर्माण लोगों की जान के लिए आफत बन गये है. स्मार्ट सिटी के कई...

महाधिवक्ता को हटाए जाने पर सिंहदेव बोले- अप्रिय स्थिति बनी

अंबिकापुर। छ्त्तीसगढ़ में महाधिवक्ता के पद को लेकर शुक्रवार रात बड़ा फैसला लिया गया। शुक्रवार दे रात कनक तिवारी की...

सीएम बघेल ने परिवहन विभाग को दिए महत्वपूर्ण निर्देश, जानिए..

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में अरण्य भवन में परिवहन विभाग की बैठक संपन्न हुई। सीएम ने निर्देश जारी...

मुख्मंत्री बघेल ने एक करोड़ की लागत से बने पुलिस परफार्मेंस सेंटर का किया उद्घाटन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने लालबाग में शुक्रवार को एक करोड़ की लागत से बने पुलिस परफॉर्मेंस सेंटर (जिम) का उद्घाटन...

धमतरी – चचेरे भाई ने की थी डॉक्टर की चाकू मारकर हत्या, पैसे के लेन-देन को लेकर था विवाद

शहर के निश्चेतना विशेषज्ञ एमडी डॉ. प्रभाकर राव वाघटकर (57) की मर्डर का खुलासा पुलिस ने शुक्रवार को कर दिया।...

पूर्णचंद पाढ़ी बने छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष

रायपुर। युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और छत्तीसगढ़ युवक कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष पूर्णचंद पाढ़ी कोको प्रदेश युकां के नए...

नक्सलियों ने फिर मचाया उत्पात, सड़क निर्माण में लगे ट्रक और ड्रिल मशीन में लगाई आग

नक्सल प्रभावित क्षेत्र पखांजूर में एक बार फिर नक्सलियों ने अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। बांदे थाना क्षेत्र के ग्राम...

आदिवासी मामलों के मंत्रालय की राज्य मंत्री बनी सरगुजा सांसद रेणुका सिंह

छत्तीसगढ़ कोटे से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टीम में शामिल सरगुजा सांसद रेणुका सिंह का पोर्टफोलियो तय हो गया है....

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।