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आदित्य एल1 से लेकर स्पैडेक्स तक, चंद्रयान-3 के बाद ये हैं इसरो के अगले मिशन

नई दिल्ली भारत का चंद्रयान-3 बुधवार शाम 06.04 बजे चंद्रमा पर उतरा। इसरो के कई और स्पेस प्रोजेक्ट पाइपलाइन में...

टीम इंडिया का 15 को सेमीफाइनल में अब न्यू ज़ीलैण्ड से मुकाबला 15 को नूज़ीलैण्ड से भुड़ेगी रोहित सेना

नई दिल्ली. आईसीसी विश्व कप में सेमीफाइनल की तस्वीर पूरी तरह साफ हो गई है। अपने आखिरी लीग मैच में...

Chhattisgarh Assembly Election 2023: जाने लोगों के बीच किन नामों से जानें जाते हैं छत्‍तीसगढ़ के नेता

रायपुर राजनीति में राजनेताओं को न केवल तख्त और ताज मिल रहा है, बल्कि उन्हें नया नाम और पहचान भी...

चेन्नई में तय समय के बाद फोड़े गए पटाखे, 554 मामले किए दर्ज

चेन्नई. सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय समयानुसार के बाद पटाखे फोड़ने को लेकर तमिलनाडु पुलिस ने मामले दर्ज किए है। चेन्नई...

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक भी निकले कोहली के जबरा फैन

नई दिल्ली. वनडे क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 में भारतीय क्रिकेट टीम का विजयी अभियान जारी है। लगातार 9 जीत हासिल...

2023 के विधानसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों में 727 करोड़पति

भोपाल 2023 के विधानसभा चुनाव में उतरे प्रत्याशियों में 727 करोड़पति हैं, उनमें से सबसे ज्यादा संपत्ति भाजपा के रतलाम...

ट्रूडो ने दोहराए आरोप तो बिगड़े पन्नू के भी बोल, भारतीय उच्चायुक्त को कनाडा में बंदी बनाने की साजिश

नई दिल्ली. SFJ यानी प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू इस बार भारतीय उच्चायुक्त को निशाना...

थरूर ने अफगान बल्लेबाज की तारीफों के पुल बांधे

अहमदाबाद. क्रिकेट विश्व कप के रोमांच के बीच दिवाली का जश्न दोगुना हो गया। इसी बीच अफगानिस्तान के स्टार बल्लेबाज...

चीन का रियल एस्टेट संकट दुनिया को ले डूबेगा ! यूरोप का सबसे बड़े बैंक भी आया चपेट में

नई दिल्ली जिसकी आशंका थी वही हुआ। चीन का रियल एस्टेट संकट धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने...

दिवाली की आतिशबाजी के बाद देश के 10 शहरों में सबसे ज्यादा प्रदूषण

नई दिल्ली. दिवाली की रात की गई आतिशबाजी का असर पूरे भारत में दिखने लगा है। सोमवार सुबह ही दिल्ली-एनसीआर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।