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चुनाव खत्म होते ही आने लगे सर्वे के नाम पर फोन, पूछ रहे किसे किया मतदान

रायपुर छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 17 नवंबर को चुनाव संपन्न होने के बाद अब सर्वे के नाम पर लोगों...

प्रदेश के करीब 416 सरकारी स्कूलों को प्रथम चरण में पीएमश्री योजना के तहत सर्वसुविधायुक्त बनाया जाए

भोपाल. प्रदेश के करीब 416 सरकारी स्कूलों को प्रथम चरण में पीएमश्री योजना के तहत सर्वसुविधायुक्त बनाया जाएगा। हर विकासखंड...

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में 4 प्रमुख सट्टा बाजार के साथ स्थानीय खाईबाज भी लगा रहे बोली

भोपाल. शुक्रवार को हुए विधानसभा चुनाव के मतदान के बाद देश के चार प्रमुख सट्टा बाजार के नए भाव आने...

सामने आया रोहित शर्मा का बयान, कहा- मुझे अपनी टीम पर गर्व है, फाइनल हारे…

नई दिल्ली  ट्रैविस हेड की 137 रनों की शतकीय और मार्नस लाबुशेन अविजित 58 रनों की अर्धशतकीय पारी की बदौलत...

भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों की आंखों में आंसू , पीएम मोदी ने भारतीय टीम को सांत्वना दिया है और ऑस्ट्रेलिया को जीत की बधाई दी 

नई दिल्ली आईसीसी विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को 6 विकेट से हराकर छठी बार विश्व कप ट्रॉफी...

टूटा करोड़ों फैंस का दिल, अहमदाबाद में कंगारुओं ने रोक दिया टीम इंडिया के अश्वमेघ का घोड़ा

 अहमदाबाद पैट कमिंस ने विश्व कप 2023 के खिताबी मुकाबले से पहले कहा था हम सभी को सन्न कर देंगे।...

कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम सिंह नातीराजा ने चुनाव प्रभावित करने के लिए रचा सलमान की हत्या का षडयंत्र – विष्णुदत्त शर्मा

भोपाल. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद विष्णुदत्त शर्मा के नेतृत्व में एक प्रतिनिधि मंडल ने छतरपुर जिले...

मध्य प्रदेश में महिला मतदान ने भाजपा और कांग्रेस में जगाई आस

भोपाल. मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव की मतदान प्रक्रिया में महिलाओं की हिस्सेदारी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों में सफलता...

टनल में फंसे मजदूरों को डिप्रेशन से बचाने के लिए भेजी दवा, खाने के लिए सूखी मेवा की सप्लाई

नई दिल्ली उत्तराखंड के उत्तरकाशी में टनल हादसे को 7 दिन पूरे हो चुके हैं. रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. इस...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।