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इजरायल में हमास आतंकियों कर रहे महिलाओं से रेप, आतंकियों ने लाशों को भी नहीं छोड़ा

येरूशलेम  हमास ने इजरायल में शनिवार को एक चौंकाने वाला हमला किया। एक म्‍यूजिकल फेस्‍ट में आतंकियों ने जमकर कहर...

भारत तंजानिया के बीच रणनीतिक साझीदारी कायम

नई दिल्ली भारत एवं तंजानिया ने अपने द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझीदारी में बदलने तथा रक्षा क्षेत्र एवं आतंकवाद के...

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ जारी की दूसरी लिस्ट, देखिए किसे कहां से मिली टिकट

रायपुर चुनाव आयुक्त ने मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम के साथ ही छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान...

चुनाव आचार संहिता: सरकारी वेबसाइट्स से मुख्यमंत्री, मंत्रियों की हटाई तस्वीर

नई दिल्ली सोमवार को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मप्र चुनाव की आचार संहिता की घोषणा करते ही मध्य प्रदेश की...

EC ने 5 राज्यों की चुनाव तारीखों का किया ऐलान, जानें पूरा शेड्यूल

नईदिल्ली मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के साथ चुनावी बिगुल भी फुंक...

आयोग ने जारी की छत्तीसगढ़ राज्य की चुनावी तारीख, जानें डेट और कब आएगा रिजल्ट

रायपुर . छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान हो गया है. छत्तीसगढ़ में दो फेज में वोट...

इजराइल पर हमास के हमला:  त्योहारी सीजन में बढ़ सकती हैं पेट्रोल डीजल की कीमतें

इज़राइल इज़राइल पर हमास के हमले के बाद इसका पहला असर देखने को मिला। त्योहारी सीजन से पहले आम आदमी...

चुनाव आयोग की आज प्रेस कॉन्फ्रेंस, 5 राज्यों की चुनाव तारीखों का होगा ऐलान

नईदिल्ली मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव की तारीखों का आज ऐलान होगा. चुनाव आयोग इसे लेकर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।