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मुख्यमंत्री चौहान छिन्दवाड़ा जिले में 1437.29 करोड़ रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन करेंगे

भोपाल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 24 अगस्त को छिन्दवाड़ा जिले में हनुमान लोक परियोजना का भूमिपूजन और जनदर्शन कार्यक्रम में...

सत्संग, संकीर्तन, समर्पण और सेवा का अद्भुत संगम है स्नेह यात्रा

यात्रा में हो रही सभी समाजों की सहभागिता भोपाल स्नेह यात्रा का आठवां दिन प्रदेश के सभी जिलों में स्नेह...

सबसे पहले बच्चों की पढ़ाई की चिंता है : मुख्यमंत्री चौहान

विद्यार्थियों को दे रहे अच्छे स्कूल की सुविधा, स्कालरशिप, लैपटॉप, स्कूटी इस वर्ष 7 हजार 790 विद्यार्थी को मिली निःशुल्क...

चंद्रमा पर चंद्रयान -3 की सफल लैंडिंग भारत की अद्भुत सफलता है: मुख्यमंत्री चौहान

प्रधानमंत्री मोदी के स्पेस मिशन के संकल्प ने भारत को दिखाया यह दिन मुख्यमंत्री चौहान ने दी बधाई भोपाल मुख्यमंत्री...

सोलर सिटी बनने से सांची के लोगों को होगी सालाना सात करोड़ की बचत

रोशनी का शहर बन गया विश्व प्रसिद्ध सांची भोपाल विश्व प्रसिद्ध सांची शहर के नागरिकों के घरों और सरकारी कामों...

सामाजिक समरसता के भाव को पोषित करेंगी स्नेह यात्राएँ- मुख्यमंत्री चौहान

मुख्यमंत्री चौहान ने किया पूज्य साधु-संतों से संवाद 16 से 26 अगस्त तक निकाली जा रही यात्राओं में 72 पूज्य...

हमीदिया का कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट तीन टुकड़ों में बंटा, हार्ट पेशेंट्स को हो रही भारी परेशानी

भोपाल हमीदिया अस्पताल का कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट नई और पुरानी बिल्डिंग के बीच तीन टुकड़ों में बांट दिया गया है। ऐसे...

G20 से पहले सज रही दिल्ली, 9 लाख पौधे, सड़क किनारे खूबसूरत लाइटें…

नईदिल्ली देश की राजधानी दिल्ली जी20 समिट में आने वाले महमानों के स्वागत के लिए तैयार है। 9-10 सिंतबर को...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।