पाकिस्तान में आम चुनाव की तारीख पर आयोग सभी पार्टियों से करेगा परामर्श

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इस्लामाबाद
पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने अगले साल की शुरुआत में होने वाले आम चुनाव की तारीख के संबंध में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से परामर्श करने का फैसला किया है। इन दलों से अलग-अलग सलाह-मशविरा किया जाएगा। चुनाव कार्यक्रम के साथ-साथ परिसीमन और मतदाता सूची से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा होगी।

स्थानीय सूचना संचार केंद्रों ने आयोग के हवाले रिपोर्ट्स में कहा है कि यह बैठकें अगले कुछ दिनों में शुरू होने की उम्मीद है। आयोग के अधिकारी पीटीआई, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी), पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन), मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम), जमात-ए-इस्लामी (जेआई), अवामी नेशनल पार्टी से परामर्श करेंगे।

गौरतलब है कि आयोग पहली बार डिजिटल जनगणना के आलोक में नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं के निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन से संबंधित कार्य की समीक्षा कर चुका है। इसके बाद आयोग ने प्रांतीय सरकारों और सांख्यिकी विभाग को आवश्यक संदेश भेजा है। इसमें कहा गया है कि नए सिरे से परिसीमन करने के लिए सोमवार को अधिसूचित पांच परिसीमन समितियां 31 अगस्त तक संघीय राजधानी और प्रांतों से जिलों के नक्शे और आवश्यक डेटा प्राप्त करेंगी।

 

नेपाल में नवजात बच्चों को बेचने के आरोप में चिकित्सक, नर्स, समेत छह गिरफ्तार

काठमांडू
नेपाल के पूर्वी सीमावर्ती शहर विराटनगर में कोशी अस्पताल के एक चिकित्सक, एक नर्स, अन्य कर्मचारी सहित छह लोगों को नवजात बच्चों के बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। अविवाहित जोड़ों से हुए नवजात बच्चों को नि:संतान दंपतियों का बेचने का सिलसिला कई वर्षों से चल रहा था। यह जानकारी विराटनगर पुलिस के अधिकारी रंजन दाहाल ने दी।

डीएसपी दाहाल ने बताया कि एक अविवाहित युवती ने इस संबंध में शिकायत दी थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके प्रसव को एक माह हो चुका है। उसका नवजात बच्चा उसे नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि जांच शिकायत सही पाई गई। इसके बाद कोशी अस्पताल के अधीक्षक डॉ. तपेश्वर लाल कर्ण, नर्स निर्मला यादव, सफाई कर्मचारी सुधा राजवंशी, अविवाहित युवती के प्रेमी गोविन्द राई, बच्चा खरीदने वाली महिला दिलमाया और उसके बेटे सूर्यनारायण को गिरफ्तार किया गया है।

पुलिस अधिकारी दाहाल ने बताया कि इस शिकायत की जांच की भनक मिलते ही डॉ. कर्ण बीमारी का बहाना बनाकर अस्पताल में भर्ती हो गया था। उसे अस्पताल के बेड से ही गिरफ्तार किया गया। इस गिरोह ने अविवाहित युवती के बच्चे का सौदा पांच लाख रुपये में किया था। डॉ. कर्ण ने इसके लिए पचास हजार रुपये एडवांस लिए थे। डिलीवरी के समय दो लाख रुपये मिले। बाकी रकम अभी उसे नहीं मिल पाई थी।

दाहाल के मुताबिक आरोपित नर्स और सफाई कर्मचारी ने स्वीकार किया है कि वह सब डॉ.कर्ण के लिए यह काम कई साल से कर रहे थे। गर्भपात कराने आने वाली अविवाहित लड़कियों व अन्य महिलाओं को पैसे का लालच देकर उनकी डिलीवरी करवाई जाती थी। इसके लिए डॉ. तपेश्वर कर्ण ने अपना एक प्राइवेट क्लीनिक भी खोल रखा था।

 

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