बाघ के प्रमाण नहीं मिले तो बंद किया जा सकता है उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व – तीव कुमार सोनी (जिला ब्यूरो – गरियाबंद)
बाघ के प्रमाण नहीं मिले तो बंद किया जा सकता है उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व
– तीव कुमार सोनी (जिला ब्यूरो – गरियाबंद)
मैनपुर । विधानसभा सत्र के दौरान छ ग शासन के वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बड़ी घोषणा करते हुए कहा कि भोरमदेव टाइगर रिजर्व नहीं बनेगा | साथ ही वन मंत्रीमोहम्मद अकबर ने कहा कि निरीक्षण के बाद अचानकमार व अन्य टाईगर रिजर्व में भी उचित कार्रवाई की जाएगी | वनमंत्री ने कहा की भोरमदेव टाइगर रिजर्व में 8000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र प्रभावित होने वाला था लेकिन जनहित को ध्यान में रखते हुए इसे नहीं बनाने का निर्णय लिया गया है | वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि भोरमदेव टाइगर रिजर्व में बहुत से गांव प्रभावित होने थे इसलिए निर्णय लिया जा रहा है. धर्मजीत सिंह के द्वारा टाईगर रिजर्व पर सवाल उठाये जाने पर वन मंत्री ने स्थल निरीक्षण कर उचित कार्रवाई कर भरोसा दिलाया | इस प्रकार विधानसभ में टाईगर रिजर्व के सम्बन्ध में उठाये गए सवाल से उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के अस्तित्व पर भी प्रश्न चिन्ह लग गया है क्योकि 2009 में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का गठन किया गया है परन्तु आज तक यहाँ बाघ होने के स्पष्ट प्रमाण नहीं मिल पाए है | 2009 से 2017 तक के आठ सालो में उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ होने का कोई भी प्रमाण वन विभाग को नहीं मिल पाया था | फिर कुल्हाड़ीघाट रेंज के उड़ीसा सीमा से लगे क्षेत्रो में ट्रैप कैमरों में एक बाघ की फोटो आने की बात कहते हुए बाघ का मल व् पंजा का निशान मिलने का वन विभाग ने दावा किया था | तदुपरांत उक्त बाघ का शिकार उड़ीसा के सोनाबेडा में शिकारियों द्वारा कर लिया गया था | उसी बाघ की खाल को बेचने के फिराक में घूम रहे दो लोगो को मैनपुर पुलिस ने गिरफ्तार किया था | बाघ की खाल मिलने पर वन विभाग के अधिकारी लगातार दावा कर रहे थे की उक्त खाल उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व की नहीं है उड़ीसा के बाघ की खाल है | परन्तु राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA ने अपने डाटाबेस के फोटो से मिलान करने के बाद कहा की जो बाघ की खाल बरामद हुई है वो और उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के कैमरे में मिली फोटो दोनों एक ही बाघ की है |
ज्ञात हो की बाघ का मुख्य शिकारी उड़ीसा के जेल में बंद है मैनपुर पुलिस आरोपी का बयान दर्ज करने लगातार प्रयास कर रही है परन्तु अन्य राज्य होने के कारण मैनपुर पुलिस को कार्यवाही आगे बढाने में सफलता नहीं मिल पा रही है | इस प्रकार आज तक स्पष्ट नहीं हो पाया है की बाघ उड़ीसा का है या उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का है | इस संशय पूर्ण स्थिति में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA ने वन विभाग द्वारा उपलब्ध कराये गए सबूतों को लेकर शंका जाहिर किया है और सबूतों को अपुष्ट मानते हुए टाईगर रिजर्व को बाघों के संरक्षण संवर्धन के लिए दिए जाने वाले बजट में भारी कटौती कर दिया है | वन विभाग के उच्चाधिकारियों से चर्चा करने पर बताया गया है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व 1845 वर्ग किलोमीटर में फैला है इतने बड़े इलाके में बाघ को खोजना बहुत ही कठिन है | विभाग के पास पर्याप्त संख्या में स्टाफ नहीं है, आधुनिक संसाधन नहीं है, बजट का भी भारी अभाव है ऐसी परिस्थिति में बाघ को खोजना लगभग असंभव है फिर भी सिमित साधनों में भी वन विभाग उच्च स्टार का प्रयास कर रहा है |
इस प्रकार वन विभाग को उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में बाघ होने का स्पष्ट प्रमाण नहीं मिल पा रहा है जो प्रमाण वन विभाग के पास है उसे राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA संतुष्ट नहीं हो रहा है | इसके साथ ही छ ग शासन भी मानसिकता बनाया हुआ है की उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व में संभवत: कोई भी बाघ नहीं है, इसलिए शासन उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व को बंद करने के लिए पहल कर सकता है | अब दूसरी तरफ वन मंत्री मो अकबर ने भी विधानसभा में स्पष्ट कर दिए है की भोरमदेव टाइगर रिजर्व में बहुत से गांव प्रभावित हो रहे थे इसलिए जनहित को देखते हुए उसे टाईगर रिजर्व नहीं बनाया जाएगा | बिलकुल यही स्थिति उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व की है यहाँ बहुत से गाँव के हजारो लोग प्रभावित हो रहे है | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व का पूरा क्षेत्र लोक संरक्षित क्षेत्र है यहाँ हजारो की संख्या में आदीवासी निवास करते है जो सदियों से जंगल क्षेत्र में निवासरत है व खेती कर जीवन यापन करते आ रहे है |
उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व बनाने के बाद उन आदिवासियों को जंगल से हटाने के लिए वन विभाग लगातार प्रयास कर रहा है पर आदिवासी अपने मूल निवास को छोड़ कर जाने को तैयार नहीं हो रहे है | उन आदिवासियों का कहना है की यहाँ पर वे कई पीढियों से निवास करते आ रहे है उनकी परम्पराए,देवी देवता ,खेती बाडी सब कुछ यही है | इसलिए वे इस स्थान को छोड़ कर कही नहीं जायेंगे | उन आदिवासियों को यहाँ से हटाने के लिए वन विभाग ने मुआवजे के रूप में मोटी रकम का भी प्रस्ताव दिया परन्तु वे अपने मूल स्थान से जाने तैयार नदी हुए है | इसके साथ ही उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व से हटने के लिए दबाव डालने पर कई बार क्षेत्र के आदीवासी वन विभाग के खिलाफ प्रदर्शन कर चुके है | अब चूँकि वनमंत्री ने कहा है की आम जनता यदी प्रभावित हो रहे है तो टाईगर रिजर्व नहीं बनाया जाएगा | इस प्रकार पहला तथ्य उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बनने से हजारो आदिवासी प्रभावित हो रहे है तथा दूसरा तथ्य यहाँ बाघ होने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिल पा रहा है | इन दोनों तथ्यों को संज्ञान में लेकर राज्य शासन और राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण NTCA के द्वारा विचार कर जल्द ही उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व को बंद किया जा सकता है |