गरीबों को मिला न्याय, अब जिले के 164 प्राईवेट स्कूलों में मिलेगा कक्षा पहली में प्रवेश*
*गरीबों को मिला न्याय, अब जिले के 164 प्राईवेट स्कूलों में मिलेगा कक्षा पहली में प्रवेश*
० कलेक्टर को पैरेट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष पॉल ने दिखाया प्रमाण
राजनांदगांव। जिले में आरटीई के अंतर्गत कक्षा पहली में प्रवेश को निरस्त कर जिले में पालकों के मध्य भ्रम की स्थिति निर्मित हो गई थी। जिस पर पैरेंट्स एसोसियेशन ने पीड़ित पालकों पालकों के साथ कलेक्टर को इसकी शिकायत किया, जिस पर डीईओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था।
मंगलवार पुनः पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल पॉल ने कलेक्टर को दस्तावेजी साक्ष्य दिखाया कि जिले में कुल 164 प्राईवेट स्कूल ऐसे है, जिनमें नर्सरी और कक्षा पहली दोनों में प्रवेश देना है, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी ने निजी स्कूलों के साथ मिलीभगत करके रातों-रात पूरे जिले से कक्षा पहली में प्रवेश को निरस्त कर दिया था, जिससे पालकों में भारी आक्रोश व्यक्त हो गया है। दस्तावेज का अवलोकन करने के पश्चात तत्काल कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी को बुलाकर कक्षा पहली में प्रवेश हेतु लॉटरी निकालने का आदेश दिया गया, जिस पर जिला शिक्षा अधिकारी ने कार्यवाही हेतु अपनी सहमति दे दी। पैरेंट्स एसोसियेशन ने कलेक्टर को उनके सहयोग के लिये आभार व्यक्त किया, क्योंकि गरीब पीड़ित पालक परेशान और चिंतित थे कि अब उनके बच्चों के भविष्य का क्या होगा। कलेक्टर के कार्यवाही के बाद पीड़ित पालकों में खुशी ही लहर दौड़ गई। उम्मीद है कि भविष्य में भी आरटीई प्रवेश के मामले में गरीब बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होगा।
नोडल अधिकारियों द्वारा बिना किसी सर्कुलर एवं राज्य शासन के आदेश के गरीब पालकों को अनुचित परेशान किया जा रहा है। गरीब पालकों को यह कहा जा रहा है कि आप गरीब रेखा के सर्वे सूची लाईएए जाति एवं आय प्रमाण पत्र लाईयेए इससे ऐसा प्रतीत हो रहा है कि शिक्षा विभाग द्वारा जिले सहित शहर में कम से कम बच्चों को शिक्षा का अधिकार के तहत करने की मंशा है।
*औचित्यहीन दस्तावेजों की मांग पर कलेक्टर से करें शिकायत*
वहीं छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने नोडल अधिकारियों द्वारा औचित्यहीन दस्तावेजों की मांग की शिकायत मिलने पर कलेक्टर से इसकी शिकायत की तो उन्होंने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश करते हुए इस प्रकार परेशानियों से पालकों को निजात दिलाने की बात कही। श्री पॉल ने कहा कि यदि कोई भी नोडल अधिकारी किसी भी प्रकार के औचित्यहीन दस्तावेजों की मांग की जाती है तो राज्य शासन के आदेश की कॉपी की मांग करते हुए इसकी शिकायत जिलाधीश से करें।
*वर्सन…*
गरीब बच्चों के निःशुल्क शिक्षा के लिये हम सदैव उनके साथ है, उनके मौलिक अधिकार का हनन नहीं होने दिया जावेगा।
*क्रिष्टोफर पॉल, प्रदेश अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ पैरेंटस एसोसियेशन*