*छत्तीसगढ़ आयुर्वेद अधिकारी संघ की प्रांतीय प्रतिनिधि सभा का भव्य आयोजन, विधायक धर्मजीत सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति*
*छत्तीसगढ़ आयुर्वेद अधिकारी संघ की प्रांतीय प्रतिनिधि सभा का भव्य आयोजन, विधायक धर्मजीत सिंह एवं वरिष्ठ अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति*
न्यायधानी बिलासपुर स्थित जल संसाधन विभाग के प्रार्थना भवन में रविवार को छत्तीसगढ़ आयुर्वेद अधिकारी संघ की प्रांतीय प्रतिनिधि साधारण सभा का भव्य आयोजन संपन्न हुआ। इस महत्वपूर्ण अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में तखतपुर विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय विधायक माननीय धर्मजीत सिंह उपस्थित रहे।
इस सभा में प्रदेश के 23 जिलों से आए आयुर्वेद चिकित्सक, जिला अध्यक्ष एवं संघ के पदाधिकारी शामिल हुए। कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल संगठन के आगामी प्रांतीय चुनाव का संचालन था, बल्कि आयुर्वेद चिकित्सकों की लंबित मांगों को शासन के समक्ष प्रभावी रूप से प्रस्तुत करना भी रहा।
मुख्य अतिथि धर्मजीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति छत्तीसगढ़ की संस्कृति और परंपरा का अभिन्न हिस्सा है। विशेषकर हमारे आदिवासी बहुल क्षेत्रों में कार्यरत आयुर्वेद चिकित्सकों की सेवाएं अत्यंत सराहनीय हैं।” उन्होंने चिकित्सकों को होने वाली समस्याओं के त्वरित समाधान का आश्वासन भी शासन स्तर पर दिया।
आयुष विभाग के संयुक्त संचालक डॉ. सुनील दास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में तेजी से बढ़ रही जीवनशैली जनित बीमारियाँ (NCDs) को आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से ही प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने दिनचर्या एवं ऋतुचर्या के पालन का महत्व विशेष रूप से रेखांकित किया।
सभा की अध्यक्षता कार्यकारी प्रांताध्यक्ष डॉ. प्रशांत कश्यप ने की। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में लगभग 1200 आयुर्वेद औषधालय संचालित हो रहे हैं, जहां कार्यरत चिकित्सकों को संविदा नियुक्ति, चार स्तरीय वेतनमान, एवं समय पर वेतन भुगतान जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन विषयों पर गंभीर चर्चा की गई।
संघ के संरक्षक डॉ. शर्मा ने कहा कि यह सभा केवल संगठनात्मक दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि प्रदेश भर के आयुर्वेद चिकित्सकों की भावनाओं और उम्मीदों की अभिव्यक्ति भी है।
संघ के प्रांतीय निर्वाचन में निम्न पदाधिकारियों का चयन किया गया:
• अध्यक्ष – डॉ. गदाधर पंडा
• उपाध्यक्ष – डॉ. प्रशांत कश्यप, डॉ. कोमल सिंह डोटे
• महामंत्री – डॉ. अजय नायक, रमेश खुटे, डॉ. प्रशांत रावत, डॉ. अतुल परिहार
• कोषाध्यक्ष – डॉ. शिशिर साहू
• प्रांतीय कार्यकारिणी सदस्य – डॉ. एल. आर. भगत, डॉ. मुकेश माहौर, डॉ. तनुजा चंद्राकर, डॉ. दिवाकर त्रिपाठी
नवनिर्वाचित प्रांताध्यक्ष डॉ. गदाधर पंडा ने अपने वक्तव्य में कहा कि, “यह दायित्व मेरे लिए गौरव का विषय है और मैं संघ के सभी सदस्यों का आभार प्रकट करता हूँ जिन्होंने मुझ पर विश्वास जताया। संगठन की पुरानी लंबित मांगों जैसे संविदा चिकित्सकों का नियमितीकरण, चार स्तरीय वेतनमान, पदोन्नति की समय-सीमा, और औषधालयों में बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति को लेकर हम शासन स्तर पर पूरी ताकत से पैरवी करेंगे। साथ ही, मैं यह भी सुनिश्चित करूंगा कि संगठनात्मक एकता और पारदर्शिता बनी रहे तथा युवा चिकित्सकों को भी नेतृत्व के अवसर मिलें।”
उन्होंने आगे कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जन-जन तक पहुंचाने और इसकी उपयोगिता को स्थापित करने के लिए संघ सभी स्तरों पर प्रयासरत रहेगा।
यह आयोजन संगठन की एकता, उद्देश्य और सेवा भावना का सशक्त प्रतीक रहा।बिलासपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ आयुर्वेद अधिकारी संघ की प्रांतीय प्रतिनिधि सभा में संगठनात्मक विस्तार के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण मनोनयन किए गए। डॉ. राजनीश जायसवाल को महामंत्री पद के लिए मनोनीत किया गया, जबकि डॉ. ऐश्वर्य साहू को कार्यकारिणी सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। इसके अतिरिक्त, ‘आयुर्वेद संदेश’ मासिक पत्रिका के संपादकीय मंडल में भी नए सदस्यों का समावेश हुआ। डॉ. निशांत कौशिक को प्रधान संपादक, डॉ. मनीष खरे,डॉ. राजकुमार यादव एवं डॉ. अनिल सोनी को संपादक के रूप में मनोनीत किया गया।
इन नियुक्तियों के माध्यम से संगठन ने आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के प्रचार-प्रसार और चिकित्सकों की समस्याओं के समाधान के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया है। नवनियुक्त पदाधिकारियों ने संगठन की एकता और विकास के लिए समर्पित भाव से कार्य करने का संकल्प लिया है।