*गरियाबंद जिले का प्रसिद्ध जलप्रपात चिंगरापगार को स्वच्छ रखने कलेक्टर, डीएफओ एवं सीओ ने थामा झाड़ू*

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✍️*रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे जिला संवाददाता गरियाबंद*

 

 

*गरियाबंद जिले का प्रसिद्ध जलप्रपात चिंगरापगार को स्वच्छ रखने कलेक्टर, डीएफओ एवं सीओ ने थामा झाड़ू*

 

 

गरियाबंद:- गरियाबंद जिले का प्रसिद्ध जलप्रपात जो प्राकृतिक और वनांचल क्षेत्रों से आच्छादित गरियाबंद जिले के राजिम गरियाबंद नेशनल हाईवे मार्ग में बारूका गांव से 3 किलोमीटर जंगल भीतर चिंगरापगार जलप्रपात पर्यटन स्थल के रूप में स्थित है। राजधानी रायपुर जाने वाले मार्ग में गरियाबंद से 13 किलोमीटर की दूरी पर बारूका गांव में चिंगरा पगार जलप्रपात स्थित है, यह जलप्रपात चारों दिशाओं से घनी जंगल ऊंची पहाड़ों एवं प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है। यह झरना कचना धुरवा मंदिर एवं बारुका गांव के जंगलों के भीतर पर स्थित है, जिसकी ऊंचाई लगभग 110 फीट ऊंचा है, जो देखने में बहुत खूबसूरत लगता है। चिंगरापगार जलप्रपात की सुंदरता का आनंद लेने के लिए सैलानी छत्तीसगढ़ के साथ-साथ अन्य राज्यो से भी बड़ी मात्रा में लुफ्त उठाने आते है। चिंगरा पगार जलप्रपात में पर्यटकों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। बरसात के मौसम के लगते ही यहां का जल स्तर काफी बड़ जाता है, जिसके कारण यह जलप्रपात का नजारा और भी आनंदमयी प्रतीत होता है। इस जलप्रपात को देखने पर्यटकों के बढ़ने के साथ ही साथ उनके द्वारा कचरें का अंबार भी लग जाता है।

जलप्रपात स्थल को पर्यटकों के सुविधा के लिए संवारने तथा प्राकृतिक स्थल में स्वच्छता बनाए रखने के लिए कलेक्टर आकाश छिकारा ने आज विशेष पहल की। जिला प्रशासन की संयुक्त टीम ने चिंगरापगार जलप्रपात स्थल को स्वच्छ रखने के लिए स्वच्छता अभियान चलाया। लगभग 200 लोगों ने संयुक्त रूप से जलप्रपात स्थल में पहुंचकर आज सुबह सफाई अभियान चलाया। इस दौरान कलेक्टर आकाश छिकारा, डीएफओ मणिवासगन एस और जिला पंचायत सीईओ श्रीमती रीता यादव ने भी हाथ में झाड़ू थाम कर साफ सफाई करने आगे आये। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छता के इस अभियान में शामिल सभी लोगों ने चिंगरापगार पर्यटन स्थल में पॉलीथिन, प्लास्टिक बोतल एवं अन्य कचरे को साफ किया। इस दौरान कलेक्टर श्री छिकारा ने कहा कि प्राकृतिक स्थलों एवं पर्यटन स्थलों को सुरक्षित एवं स्वच्छ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। प्रकृति द्वारा दिए गए चीजों का सदुपयोग करना भी हमारी जिम्मेदारी है। उन्होंने लोगों से पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने, उन्हें प्राकृतिक रूप से संरक्षित रखने और पर्यावरण जागरूकता में भागीदारी निभाने की अपील की।

 

इस दौरान कलेक्टर श्री छिकारा ने जलप्रपात स्थल में पर्यटकों की सुविधाओं के विस्तार के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं विकसित करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। साथ ही पर्यटन स्थल में कचरा नहीं फैलाने से संबंधित सूचना बोर्ड भी लगाने के निर्देश दिए।

 

पर्यटन स्थल में नशीली चीजों से दूर रहे, जलप्रपात में फिसलन भरी चट्टानों से सतर्क रहें:-  कलेक्टर श्री छिकारा ने चिंगरापगार जलप्रपात में विहंगम दृश्य से परिपूर्ण प्राकृतिक दृश्य का आनंद लेने के अलावा सावधानी भी बरतने की अपील की है। उन्होंने कहा कि चिंगरापगार पर्यटन स्थल सार्वजनिक जगह है। वहां पर नशीली चीजों को ना ले जाए। साथ ही नशीली पदार्थ का सेवन ना करे, इसके अलावा कलेक्टर ने बारिश के मौसम में जलप्रपात स्थल में फिसलन भरी चट्टानों से भी सावधान रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि बारिश के कारण पत्थरों में शैवाल उग आते है, जिसके कारण पत्थर में फिसलन आ जाती है। पत्थर पर चलने से फिसल कर गिरने का खतरा बना रहता है। इसलिए सावधानी और सतर्क होकर जलप्रपात स्थल पर जाएं। इस दौरान अपर कलेक्टर अविनाश भोई, संयुक्त कलेक्टर नवीन भगत, तीर्थराज अग्रवाल, एसडीएम भूपेन्द्र साहू, जनपद सीईओ नरसिंग ध्रुव, जिला कोषालय अधिकारी बी.के. तिवारी, मीडियाकर्मी सहित जिला प्रशासन एवं वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

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