बूढ़ादेव निर्माण के लिए कांसा दान रथयात्रा पहुँचा गुरुर ब्लॉक ,,मिल रहा है ग्रामीणों का भरपूर सहयोग..
बालोद गुरूर.. छत्तीसगढ़ क्रांति सेना पूरे प्रदेश में बूढ़ादेव की यात्रा निकाल रही है।। छत्तीसगढ़ियावाद को बढ़ावा देने वाली क्रांति सेना इस यात्रा को निकालकर आदिवासी संस्कृति को छोड़ चुके लोगों को एक बार फिर जोड़ने का काम करेगी। बूढ़ादेव को कासा का दान करना महादान माना जाता है।
इसलिए संगठन प्रदेशभर से कासा एकत्र कर राजधानी रायपुर में 70 टन के कासा से 71 फीट ऊंची बूढ़ादेव की प्रतिमा बनवाएगा। बालोद जिला के गुरुर ब्लॉक में शियादेवी माता के कोरा में बैठे नारागांव से बूढ़ादेव निर्माण के लिए कांसादान महाउदीम बूढ़ादेव महायात्रा के दूसरे चरण गुरुर ब्लॉक में शुरू हुआ।। ब्लॉक अध्यक्ष झम्मन लाल हिरवानी ने कहा कि हमारे गुरुर ब्लॉक में बूढ़ादेव रथ यात्रा 27 तारीख को आरम्भ हुआ। जिसमें,धनोरा,टेंगनाबरपारा नाहन्दा, कोसमी, कपरमेटा,करियाटोला,
दुग्गाबाहरा,पेटेचुवा,बड़भूम,भेजाजंगली, नंगझर हितेकसा,रूपुटोला,कंहारपुरी सोनाईडोंगरी,चूल्हापथरा, मोखा,दानीटोला,मुड़गहन,साल्हेभाट,धानापूरी,गोटाटोला ,पेटेचुवा,कंकालीन,बिछिबाहरा,नगबेलडीह,मर्काटोला,कोचवाही,मुजालगोंदी , अलौरी,कर्रेझर,ओनाकोना नाइकुरा के सभी ग्रामीणों से बहुत सहयोग मिल रहा है।टूटे फूटे कांसादान के महाउदीम सफल हो रहा है।। छ.ग.क्रांति सेना के सेनानी हेमंत साहू ने कहा कि कांसा, तांबा से बनी घर की पुरानी चीजे या बर्तन दान के लिए बूढ़ादेव रथ यात्रा निकाली गई है। जिससे ऐतिहासिक बूढ़ादेव की प्रतिमा स्थापित की जायगी प्रदेशभर से निकली बूढ़ादेव रथ यात्रा का यह दूसरा चरण है, 2022 में पहले चरण का आयोजन छत्तीसगढ़ के गांवों से ग्राम देवता की मिट्टी संग्रहित कर बूढ़ा तालाब में चबूतरा बनाया गया है और अब दूसरे चरण का महाअभियान कांसा दान की अपील के साथ है।।छत्तीसगढ़ के गांवों में बूढ़ादेव यात्रा को लेकर संगठन के सेनानी सक्रिय हैं जिस पर छत्तीसगढ़िया क्रान्ति सेना और सर्व छत्तीसगढ़िया समाज द्वारा एक महाउदीम के माधयम से हमर गढ़ म हमर भगवान के लक्ष्य को पूरा करेंगे।।और इसमें छत्तीसगढ़ क्रांति सेना के सेनानी भाई,हरिशंकर ,झन्नु राम,प्रताप,चंद्रभान,जितेंद्र साहू,बादशाहचन्द्राकर,सुभाष,दानी साहू,शशिभूषणचंद्राकर ,चुन्नू,,हेमलाल,राजकुमार,ओमप्रकाश,नागेन्द्रसाहू एवम ग्रामीणों का विशेष सहयोग मिल रहा है।
बालोद से के.नागे की रिपोर्ट