भाजपा नगर पंचायत अध्यक्ष को कांकेर एसडीएम ने कहा-जनप्रतिनिधि और नगरवासियों को जेल में डाल दूंगी ! क्यों हुआ चक्काजाम जानिए पूरी रिपोर्ट में

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कांकेर:- कांकेर एसडीएम आई पुरे प्रशासनिक तेवर में जनप्रतिनिधियों सहित गांवो वालो को जेल में डाल देने की दे डाली धमकी, लेकिन भाजपा नगर पंचायत अध्यक्ष को अब भी बीजेपी शासन पर है पूरा भरोसा लेकिन प्रशासन पर नही?

“आपके चुनावी घोषणा पत्र में जमीन बांटना लिखा है, आप जनप्रतिनिधियों के साथ पुरे गाँव वासी को जेल में डाल देंगे” जी हा कांकेर एसडीएम भारती चन्द्राकर ने कांकेर जिला अंतर्ग्रत नरहरपुर ब्लाक के भाजपा नगर पंचायत अध्यक्ष भोपेश नेताम को प्रशासनिक अंदाज में यही कह डाला!

 

नगर पंचायत अध्यक्ष भोपेश नेताम का आरोप है कि प्रशासन के पास जा-जा के जूते घिस डाले लेकिन प्रशासन बाते नही सुनती, आगे वो कहते है उनका बीजेपी से कोई भरोसा नही उठा, प्रशासन से भरोसा उठ गया है.

  • आप को बता दे कि कांकेर एसडीएम भारती चंद्राकर इससे पहले कांकेर जिले अन्तर्गत पखांजूर में बतौर एसडीएम थी और हो रहे जमीं के अवैध कब्जा पर लगातार कार्यवाही कर रही थी,
  • जानकारों के अनुसार इसी कार्यवाही के चलते उनका तबादला कांकेर में किया गया है. चर्चा यह भी है कि कांकेर कलेक्टर से आपसी सामंजस्य न बैठने के चलते प्रशासनिक कार्यो में काफी गहमा-गहमी रहती है.

गौरतलब हो कि भाजपा सरकार में प्रशासनिक अफसरों के हमेशा बिगड़ते बोल से सरकार सुर्खियों में रही है, इससे पहले कई दफे अफसरों ने सरकार की नाकामयाबी के पोल खोले है. तो वही प्रशासनिक अमले के ऊपर निरीह लोगो को प्रताड़ित करने के आरोप लगते रहे है. समय-समय पर अखबारों में सुर्खिया रहती है प्रदेश में प्रशासनिक अमला हावी है, जनप्रतिनिधियों के साथ दुर्व्यवहार की लगातार घटनाए सामने आते रहती है, नगर पंचायत अध्यक्ष भोपेश नेताम कहते है ऐसे अधिकारियों के कारण ही सरकार बदनाम होती है दो-चार अधिकारियो के गलत रवेय्ये के चलते ही सरकार की प्रशासनिक सिस्टम मे सवाल खड़े होते है.

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार नरहरपुर ब्लाक में 10 साल पहले सामाजिक भवन निर्माण के लिए प्रस्तावित है वही शासन की ओर से नरहरपुर के धमतरी रोड पर शासकीय जमीन पर करोड़ों की लागत से हाउसिंग बोर्ड कालोनी को बनाया जाना प्रस्तावित है। इस जगह पर पहले से नगर के कलार समाज के अलावा पांच अन्य समाज के लोगों की ओर से सामाजिक भवन बनाने के लिए प्रस्तावित स्थल बोर्ड लगाकर रखा गया था। एजेंसी ने काम शुरू कराने के साथ ही वहां समाज की ओर से लगाए गए बोर्ड को उखड़वा दिया। बोर्ड उखड़ते ही विरोध के स्वर उठने लगे। सामाजिक लोगों जनप्रतिनिधियों ने रातों-रात बैठक कर इसका विरोध करने का निर्णय लिया।

13 नवम्बर को प्रशासन अथवा एसडीएम भारती चन्द्राकर नरहरपुर पहुचे जहा एसडीएम ने जनप्रतिनिधि अथवा नगरवासियों को जेल में डाल देने की बात कही, आक्रोशित जनप्रतिनिधियों और नगरवासियों ने प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया 14 नवम्बर को ब्लाक नरहरपुर बंद कराते प्रदर्शन और चक्का जाम कर दिया गया, 14 नवम्बर को ही दोपहर दो बजे एसडीएम भारती चंद्राकर एवं अपर कलेक्टर आरआर ठाकुर धरना स्थल पहुंचे। उन्होंने सामाजिक भवन के लिए 60 डिसमिल भूमि देने तहसीलदार एवं पटवारी को सीमांकन करने कहा। इस पर चक्काजाम खत्म हुआ।

आप को बता दे कि ब्लाक नरहरपुर में  दस साल पहले कलार समाज के अलावा अन्य पांच समाजों द्वारा सामाजिक भवन निर्माण के लिए भूमि चिह्नांकित कर रखी गई थी। नगर पंचायत अध्यक्ष भोपेश नेताम का आरोप है कि  निर्माण के लिए नगर पंचायत से किसी प्रकार का एनओसी तक नहीं लिया गया है। प्रशासन नगर पंचायत के साथ भेदभाव करता है तथा पूछना तक उचित नहीं समझता।

इस मामले में कांकेर एसडीएम भारती चंद्राकर से फोन पर उनका पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने फोन नही उठाया. फिलहाल प्रशासन की ओर से समाज को आबंटित जमीन में क़ानूनी त्रुटिया का हवाला दिया जा रहा है.

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