जाने क्यों खास है अक्षय तृतीया का महत्व होते हैं समस्त मांगलिक कार्य-आचार्य युवराज पाण्डेय जी

0
Spread the love

संवाददाता कृष्ण कुमार त्रिपाठी अमलीपदर जिला उपब्यूरो गरियाबंद सर्वोच्च छत्तीसगढ़ जाने क्यों खास है अक्षय तृतीया का महत्व होते हैं समस्त मांगलिक कार्य-आचार्य युवराज पाण्डेय जी ग्राम अमलीपदर हृदय स्थल श्री जगन्नाथ मंदिर एवं शिव दुर्गा मंदिर आचार्य पंडित युवराज पाण्डेय द्वारा पावन पर्व अक्षय तृतीया के अवसर पर खास मुलाकात आचार्य जी ने अक्षय तृतीया के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि अक्षय तृतीया का पर्व हिंदू धर्म सनातन धर्म संस्कृति में बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व है क्योंकि अक्षय तृतीया का अर्थ है अक्षय जिसका क्षय कभी नहीं होता है उसे अक्षय कहा जाता है यह पर्व पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है इस दिन भगवान श्री परशुराम जो कि भगवान विष्णु के अवतार थे श्री परशुराम जी का जन्म भी इसी समय हुआ था अक्षय तृतीया के मुहूर्त पर और आज के दिन पितरों को किया गया श्राद्ध भी किया जाता है जिससे हमारे पूर्वज प्रसन्न होते हैं आज का दिया गया दान का पुण्य अक्षय पुण्य प्राप्त होता है आज के दिन समस्त मांगलिक कार्य जैसे कि गृह पूजन भूमि पूजन नूतन के लिए पूजन वास्तु पूजन विवाह उपनयन इत्यादि समस्त मांगलिक कार्य आज के दिन किया जाता है क्योंकि यह मुहूर्त सबसे उत्तम होता है अक्षय तृतीया जिसे छत्तीसगढ़ में लोग अक्ति ‘अक्तिजिया’ के नाम से भी जानते हैं । वास्तव में अक्षय का अर्थ होता हैं जिसका कभी क्षय ना हो रहें अनंत ! अर्थात इस दिन जो भी संस्कार किए जायेंगे वे अखंड रहेंगे और उनका प्रतिफल मंगलकारी भी होगा। चिरस्थाई हिंदू धर्म में शुभ कार्य देखकर ही किया जाता हैं लेकिन अक्षय तृतीया एक ऐसा मुहुर्त हैं जो सभी मांगलिक कार्यों के लिए सर्वाधिक श्रेष्ठ सिद्ध माना गया हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन कोइ भी शुभ कार्य किया जाए फलदाई होता हैं । हर धर्म की मान्यताओं को ध्यान में रखते हुए इस दिन हिंदू धर्म में अनेकों विवाह होते हैं,लोग सोना-चांदी , गाड़ी आदि वस्तुओं को इस दिन क्रय करने शुभ मानते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed