श्रीरामराजा सरकार को अब 1-4 के सशस्त्र गार्ड सलामी देंगे
ओरछा
बुंदेलखंड की अयोध्या कही जाने वाली भगवान श्री राम राजा सरकार की नगरी ओरछा में स्थित श्री रामराजा मंदिर में पूर्णिमा तिथि से कुछ परिवर्तन किया गया है. श्री रामराजा सरकार के दरबार में मंदिर समिति एवं जन सदस्यों की सर्वसम्मति के साथ श्री रामराजा सरकार को प्रतिदिन प्रातः मंदिर खुलने के समय एवं शाम को मंदिर खुलने के समय की मुख्य आरती के दौरान 1-4 की अनुष्ठानिक गणवेश धारण गार्ड की सलामी देने का निर्णय लिया गया.
कार्तिक पूर्णिमा से बदलाव : पूर्णिमा के दिन से इस बदलाव की शुरुआत कर दी गई है. इसके पालन में पूर्णिमा रात्रि से मुख्य आरती से सलामी देकर शुभारंभ किया गया. पूर्व में श्री रामराजा सरकार को अनुष्ठानिक गणवेश में विशेष त्यौहारों या दिनों में सशस्त्र सलामी दी जाती थी, लेकिन अब इसमें थोड़ा सुधार कर रात्रि मुख्य आरती की 1-4 गॉर्ड सलामी के साथ इसकी शुरुआत की गई. इससे राम भक्तों में उत्साह देखा जा रहा है.
चार बार गार्ड आनर : सशस्त्र सलामी की प्रथम दिन इस दौरान रक्षित निरीक्षक, बृहस्पति कुमार साकेत, नगर निरीक्षक ओरछा कमलेश सोनी, उपनिरीक्षक जितेंद्र सोनी व अन्य पुलिस अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे. श्री रामराजा मंदिर व्यवस्थापक तहसीलदार सुमित गुर्जर ने बताया कि सरकार के दरबार मे चार बार दिया जाने वाला गार्ड ऑफ आर्नर की वर्षों पुरानी परंपरा में बदलाब कर एक गार्ड के स्थान पर अब 1-4 की गार्ड सशस्त्र सलामी देगी.
ये है पौराणिक कथा : बता दें कि अयोध्या में राम मंदिर के बनने से देश-दुनिया के साथ मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड की अयोध्या कहे जाने वाले ओरछा में भी विशेष उल्लास है. क्योंकि करीब 600 साल पहले यहां भी अयोध्या से आए प्रभु राम के लिए भव्य मंदिर बनवाया गया था. कहा जाता है कि भगवान राम स्वयं यहां की महारानी कुंवरि गणेश की गोद में आए थे. उनके लिए बनवाए गए भव्य मंदिर में न विराजकर भगवान उनकी रसोई में ही विराज गए थे और मंदिर अभी सूना है. तब से बुंदेलखंड में गूंजता है 'राम के दो निवास खास, दिवस ओरछा रहत, शयन अयोध्या वास.' यानी श्रीराम के दो निवास हैं, दिनभर ओरछा में रहने के बाद शयन के लिए भगवान राम अयोध्या चले जाते हैं. यहां राजा श्रीराम का शासन चलता है.