‘विकासशील भारत खुद को विश्वमित्र के रूप में देखता है’, कान्हा शांति वनम में बोले पीएम मोदी
नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को कहा कि भारत खुद को ‘‘विश्वमित्र'' के रूप में देखता है और दुनिया इसे अपना मित्र कहती है। मोदी ने हैदराबाद से लगभग 50 किमी दूर स्थित कान्हा शांति वनम में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि पूर्व में देश को गुलाम बनाने वालों ने जब योग, ज्ञान और आयुर्वेद जैसी परंपराओं पर हमला किया तो भारत को भारी नुकसान का झेलना पड़ा।
दुनिया कहती है कि भारत हमारा है मित्र है
उन्होंने कहा, ‘‘एक विकासशील भारत खुद को विश्वमित्र के रूप में देखता है। जिस तरह से हम कोरोना (वायरस) के बाद दुनिया के साथ खड़े थे, आज मुझे दुनिया को यह बताने की ज़रूरत नहीं है कि भारत आपका मित्र है; दुनिया कहती है कि भारत हमारा है मित्र है।'' प्रधानमंत्री मोदी जाहिर तौर पर 2020 में महामारी के बाद देश की कंपनियों द्वारा तैयार किए गए कोविड-19 रोधी टीकों को कई देशों में भेजने का जिक्र कर रहे थे।
समृद्धि पैसे से ही नहीं आती
तेलंगाना के कान्हा शांति वनम में एक कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, "आप भी हमारी समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाकर समृद्ध भारत के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। समृद्धि सिर्फ धन से नहीं आती, सांस्कृतिक उत्थान का भी उतना ही महत्व है। आज भारत आर्थिक, सामरिक, सांस्कृतिक और हर तरह से पुनर्जागरण के चरण में प्रवेश कर रहा है।"
हम विरासत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "समय आ गया है कि हम अपनी विरासत को अभूतपूर्व ऊंचाइयों पर ले जाएं। इसमें श्री राम चंद्र मिशन और उसके अनुयायियों की बहुत बड़ी भूमिका है। विकसित भारत के निर्माण के लिए , हमें 4 स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है। मैं उन्हें 'अमृत स्तंभ' कहता हूं। ये हैं महिला शक्ति, युवा शक्ति, जनशक्ति और उद्यम की शक्ति।"पीएम मोदी ने कहा, ''…कमलेश जी (कमलेश डी. पटेल) ने मानवता के लिए जो काम किया, वह अद्भुत है। हमारी सरकार को उनके योगदान को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला।'' आजकल हमने पद्म पुरस्कारों की ऐसी परंपरा बना दी है कि पुरस्कार स्वयं सम्मानित हो जाते हैं।”