आईआईएम इंदौर ने मुंबई में शुरू किया दो-वर्षीय सप्ताहांत कार्यक्रम, कामकाजी पेशेवरों को देगा नई दिशा

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इंदौर
भारतीय प्रबंधन संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) ने मुंबई में कामकाजी पेशेवरों (वर्किंग प्रोफेशनल्स) के लिए स्नातकोत्तर कार्यक्रम – पीजीपीएमएक्स का 20 वां बैच शुरू किया। बैच का उद्घाटन 25 नवंबर को आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो. मित वछराजानी, चेयर – पीजीपीएमएक्स, प्रो. श्रुति तिवारी, और प्रो. बिस्वनाथ स्वैन और प्रो. बिपुल कुमार भी उपस्थित रहे। पवई, मुंबई, महाराष्ट्र में संचालित होने वाले इस दो-वर्षीय सप्ताहांत कार्यक्रम के लिए कुल 28 प्रतिभागियों (4 महिलाएं, 24 पुरुष) ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
 

सफल लीडर बनने के लिए नेटवर्किंग महत्वपूर्ण
अपने उद्घाटन भाषण के दौरान, प्रो. राय ने सफल लीडर बनने के लिए आवश्यक मन्त्र साझा किए। एक सफल लीडर बनने के लिए नेटवर्किंग महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि स्वयं से मेल खाती हुई विचारधारा वाले व्यक्तियों से परे अपने नेटवर्क का विस्तार करने से दृष्टिकोण का भी विस्तार होता है, जो विकास के लिए महत्वपूर्ण विविध दृष्टिकोण प्रदान करता है। प्रतिभागियों को समय को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के लिए प्रोत्साहित करते हुए, उन्होंने केवल अपनी रुचि के कार्य करने पर ध्यान केंद्रित करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, केवल उसी में समय निवेश करें जो वास्तव में आपकी इच्छा के अनुरूप हो, क्योंकि पढ़ाई और काम के दौरान अपने समय का प्रबंधन करने का यही सबसे अच्छा तरीका है।

पूरी बात सुनें, समझें और फिर प्रतिक्रिया दें
प्रो. राय ने कहा कि भावनात्मक बुद्धिमत्ता ही सफलता की आधारशिला है। कोई भी अगर आपसे अपने विचार साझा करे, या प्रश्न पूछे, तो तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए तैयार न हों। बल्कि उसी पूरी बात सुनें, समझें और फिर प्रतिक्रिया दें। दूसरों के दृष्टिकोण को समझने, सहानुभूतिपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने के लिए समय निकालें। उन्होंने प्रतिभागियों को अनुभवों और विचारों के प्रति खुले रहने की सलाह दी। हर बातचीत को खुले दिल और दिमाग से करें। तुरंत निर्णय लेने या किसी के बारे में कोई भी धारणा बनाने से बचें और इसके बजाय, हर किसी और हर चीज से सीखने का अवसर अपनाएं।

नया सीखने के महत्व को समझें
संस्थान की शैक्षणिक उत्कृष्टता की चर्चा करते हुए प्रो. राय ने इस पाठ्यक्रम के दौरान ज्ञान के बहुआयामी प्रवाह पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी फैकल्टी के पास अनंत ज्ञान है, और आप भी इंडस्ट्री से वृहद अनुभव साथ ले कर आ रहे हैं। इसलिए इस परिदृश्य में निरंतर सीखने, पुराना भूलने और पुनः नया सीखने के महत्व को समझें और हर दिशा से शिक्षा ग्रहण करें। उन्होंने देश के सामने मौजूद पांच गंभीर चुनौतियों पर भी प्रकाश डाला: आय असमानता, लैंगिक असमानता, शहरी-ग्रामीण परिस्थितयों में असमानता, पर्यावरणीय संरक्षण में कमी और युवाओं में उद्यमशीलता की कमी। उन्होंने बताया कि आईआईएम इंदौर इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए प्रयास कर रहा है और सभी प्रतिभागियों को भी इस पहल से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया।

परिवार की सहयोगी भूमिका को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है
प्रो. मित वछराजानी ने सभी प्रतिभागियों को पीजीपीएमएक्स में शामिल होने के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अपने परिवार के सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि यह उनके समर्थन से ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा, इस कार्यक्रम में शामिल होने का आपका निर्णय व्यक्तिगत साहस को दर्शाता है, लेकिन परिवार की सहयोगी भूमिका को स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। उद्योग जगत से संरेखित शिक्षा और राष्ट्र के विकास के लिए संस्थान की प्रतिबद्धता के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि आईआईएम इंदौर ने हमेशा उद्योग की जरूरतों के अनुरूप पाठ्यक्रम विकसित किए हैं, जो गुणवत्तापूर्ण प्रबंधन शिक्षा में योगदान देते हैं है। पीजीपीएमएक्स अन्य सभी पाठ्यक्रमों से इसलिए अलग है क्योंकि यह प्रतिभागियों को अपनी नौकरी करते हुए ज्ञान प्राप्त करने में मदद करता है। आप जो भी कक्षाओं में सीखते हैं, उसे आप अपने कार्यस्थल पर तुरंत ही लागू कर के भी देख सकते हैं। आपकी विविध उद्योग पृष्ठभूमि कक्षाओं में समृद्ध ज्ञान आदान-प्रदान के माहौल को बढ़ावा देती है। इसलिए इस अवसर का लाभ उठाते हुए उत्कृष्टता पर केन्द्रित रहें। 

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