गुजरात, महाराष्ट्र के 90 विधायकों को ठेके पर सौंपे 90 सीटें, स्थनीय नेता और कार्यकर्ता पर नहीं रहा भरोसा : कांग्रेस
रायपुर
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के परिवर्तन यात्रा को न केवल जनता, बल्कि भाजपा के कार्यकतार्ओं ने भी नकार दिया है। बाहर से बुलाए गए नेताओं के भरोसे निकल गई परिवर्तन यात्रा का भाजपा के ही स्थानीय कार्यकर्ता खुलकर विरोध कर रहे हैं, लोगों की भीड़ कहीं नहीं आ रही है, उल्टे हर जगह इनकी गुटबाजी सामने आ रही है। जमीनी हकीकत यही है कि भूपेश पर भरोसे की सरकार के सामने छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी नीति, नीयत, नेता और विश्वसनीयता के संकट से जूझ रही है। देश के प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह सहित तमाम केंद्रीय मंत्रियों, नड्डा सहित राष्ट्रीय पदाधिकारी और भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रीयों के कार्यक्रम भी पूरी तरह से असफल साबित हुए। इनकी कोरी लफ्फाजी और तथ्यहीन आरोपों से भाजपा के झूठा, भ्रम और वादा खिलाफी ही हर बार उजागर हुआ है। 2018 की तरह ही छत्तीसगढ़ की जनता इस बार भी भाजपाइयों पर भरोसा नहीं कर रही है।
वर्मा ने कहा है कि 2018 में विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री मोदी जी 4-4 बार छत्तीसगढ़ आए थे, परिणाम सर्वविदित है। अमित शाह ने 2018 के विधानसभा चुनाव के समय छत्तीसगढ़ के भाजपाइयों को 65 प्लस का नारा दिया, लेकिन हुआ उल्टा 15 साल के कुशासन के बाद भाजपाई 15 सीट में सिमट गई, आज इनके कुल 13 विधायक ही बचे हैं। कांग्रेस को 68 सीटों पर जीत मिली थी जो उपचुनाव के बाद अब 71 हो गई है। इतनी बड़ी हार के बाद भी भाजपाइयों का अहंकार कम नहीं हुआ है, भाजपा के हर बड़े कार्यक्रम के बाद भाजपा का झूठ ही उजागर हुआ है। विगत दिनों साइंस कॉलेज मैदान में प्रधानमंत्री से धान खरीदी के बारे में झूठ बुलवाया गया और फिर रायगढ़ की सभा में जी-20 की बैठक को लेकर गलत बयानी की गई। छत्तीसगढ़ की जनता भोली जरूर है पर बेहद समझदार है, अब इनके जुमलों और झासों में नहीं आने वाली।
दंतेवाड़ा से शुरू हुई परिवर्तन यात्रा में पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार गृह मंत्री शाह को आना था, नहीं आए, स्मृति ईरानी आई तो वह भी जगदलपुर तक ही, एयरपोर्ट से बाहर ही नहीं निकाली और वापस लौट गईं। इससे पहले तथाकथित फर्जी आरोप पत्र जारी करने वाले कार्यक्रम का हश्र भी सबने देखा है। महज 1500 की क्षमता वाले आॅडिटोरियम को आधा भरने के लिए भी कार्यक्रम को 2 घंटे विलंब करना पड़ा, गृह मंत्री अमित शाह इंतजार करते रहे, फिर भी लोग नहीं आए। सरायपाली की सभा को भाजपा के कार्यकतार्ओं ने ही असफल कर दिया। राजिम, केशकाल, बालोद और डौंडीलोहारा में भाजपा के कार्यकतार्ओं ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। परिवर्तन यात्रा का जगह-जगह उन्हीं के कार्यकर्ता विरोध कर रहे हैं। प्रभारी, स्टार प्रचारक और सहयोगी तो चुनाव के दौरान पहले भी आते रहे हैं, लेकिन इस बार भारतीय जनता पार्टी ने छत्तीसगढ़ के 90 विधानसभा क्षेत्र को गुजरात महाराष्ट्र के 90 विधायकों को ठेके पर सौंप दिया है। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को छत्तीसगढ़ के स्थानीय नेताओं और कार्यकतार्ओं पर ही भरोसा नहीं रहा है।