महंगाई-बेरोजगारी से जाति जनगणना पर शिफ्ट हुआ कांग्रेस का प्रचार

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भोपाल

विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के स्टार प्रचारक राहुल गांधी ओबीसी आरक्षण और जातिगत जनगणना की चर्चा करके इसे कांग्रेस की थीम बना दिए। कांग्रेस ने अपने वचनपत्र में भी जातिगत जनगणना का उल्लेख किया है। प्रदेश में ओबीसी और दलितों की संख्या को देखते हुए कांग्रेस के स्टार प्रचारक जातिगत जनगणना की चर्चा किए बिना नहीं रहते। भाजपा के कोर हिंदूत्व कार्ड को जातिगत जनगणना जरूर टक्कर दे सकता है। ऐसे में कांग्रेस के प्रचार की पूरी थीम महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे से हटकर जातिगत जनगणना पर शिफ्ट होती नजर आ रही है। गौरतलब है कि राहुल गांधी अशोकनगर की अपनी चुनावी सभा में मध्यप्रदेश को बेरोजगारों का कैपिटल बताया था। लेकिन मतदान की तारीख जैसे- जैसे नजदीक आ रही है कांग्रेस बेरोजगारी और महंगाई को लेकर भाजपा को कम घेरती है। जातिगत जनगणना को लेकर कांग्रेस भाजपा पर ज्यादा हमलावर हो गई है।

महंगाई और बेरोजगारी बंद कमरों तक सीमित
विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस ने मंहगाई और बेरोजगारी को उस अंदाज में नहीं उठाया जिस अंदाज में कांग्रेस को उठाना चाहिए। महंगाई और बेरोजगारी को लेकर कांग्रेस प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपने कर्तव्य से इतिश्री कर लेती है। चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के कमोवेश सभी स्टार प्रचारक भ्रष्टाचार और जाति जनगणना के मुददे को बहुत जोर- शोर से उठाते है। जबकि प्रदेश में मंहगाई अपने चरम पर है। अन्य राज्यों की अपेक्षा प्रदेश में मंहगाई कुछ ज्यादा है। लेकिन इसके बावजूद भी कांग्रेस मंहगाई को वोट डिसाइट फैक्टर बनाने में चूक गई। बीजेपी ने चुनाव – प्रचार के दौरान जिस तरह से राम मंदिर के  मुद्दे को लेकर कांग्र्रेस को घेरने की रणनीति बनायी। कांग्रेस भी बीजेपी को जाति जनगणना के आसरे घेरने की रणनीति पर काम करना शुरू कर दी।

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