न्यायालय ने हिंदू धर्म की ‘‘रक्षा’’ के लिए दिशानिर्देश देने के अनुरोध वाली याचिका खारिज की

Spread the love

नई दिल्ली
 उच्चतम न्यायालय ने भारत
में हिंदू धर्म की ‘‘रक्षा’’ के लिए दिशा-निर्देश बनाने का केंद्र को निर्देश दिए जाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत इस प्रकार का अनुरोध करने वाली याचिका की सुनवाई करने की इच्छुक नहीं है।

शीर्ष अदालत ने याचिका में किए गए इस अनुरोध का जिक्र किया कि भारत सरकार के प्राधिकारियों को यहां हिंदू धर्म की रक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने का निर्देश दिया जाए। पीठ ने कहा, ‘‘कोई कहेगा कि भारत में इस्लाम की रक्षा करो। कोई कहेगा कि भारत में ईसाई धर्म की रक्षा करो।’’

उत्तर प्रदेश के एक व्यक्ति ने यह याचिका दायर की थी। वह अपने मामले पर बहस करने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश हुआ। जब याचिकाकर्ता ने शैक्षणिक पाठ्यक्रम का हवाला दिया, तो पीठ ने कहा कि पाठ्यक्रम निर्धारित करना सरकार का काम है।

पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता यह नहीं कह सकता कि वह जो चाहता है, उस काम को दूसरे लोगों को करना चाहिए। शीर्ष अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा, ‘‘आपने कुछ किया, आपने कुछ बनाया, आप उसका प्रचार कर सकते हैं। आपको कोई नहीं रोक रहा, लेकिन आप यह नहीं कह सकते कि हर किसी को ऐसा करना चाहिए।’’

 

 

You may have missed