लड़ाई के बीच मलेशिया ने खुलकर हमास का समर्थन किया
कुआलालंपुर
इस्लामिक देश मलेशिया के प्रधानमंत्री अनवर इब्राहिम ने हमास के साथ अपने रिश्तों की खुलकर वकालत की है. उन्होंने कहा है कि हमास को गाजा के लोगों ने चुना है और मलेशिया हमास के साथ अपने संबंधों को कायम रखेगा. मलेशियाई प्रधानमंत्री ने कहा है कि वो पश्चिमी देशों के दबाव में आकर हमास की निंदा नहीं करेंगे.
अनवर इब्राहिम ने मलेशिया की संसद में कहा कि बैठकों में पश्चिम के अधिकारी बार बार मलेशिया से हमास के हमले की निंदा करने के लिए कह रहे हैं लेकिन उनकी सरकार पश्चिम के रवैये से 'सहमत नहीं' है.इजरायल पर हमले को लेकर जहां इस्लामिक देश भी हमास के साथ खड़े होने से बच रहे हैं. वहीं, मलेशिया खुलकर हमास के साथ खड़ा है.
मलेशियाई पीएम अनवर ने कहा, 'मैंने उनसे (पश्चिमी देशों से) कहा है कि हमास के साथ हमारा रिश्ता हमारी नीति रही है और यह रिश्ता आगे भी कायम रहेगा. इस तरह हम उनके (पश्चिमी देशों के) दबाव वाले रवैये से सहमत नहीं हैं, क्योंकि हमास गाजा में जनता की तरफ से चुनकर आया है और गाजा के लोगों ने उन्हें नेतृत्व करने के लिए चुना है.'
7 अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर बड़े पैमाने पर हमला कर दिया था. यह दशकों में इजरायल पर पहला बड़ा हमला था. पश्चिमी देशों ने हमास के इस हमले कड़ी निंदा की है और दूसरे देशों से भी आग्रह किया है कि वो इजरायल का समर्थन करें.
इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास लड़ाकों ने इजरायल पर हवा, जमीन और समुद्र के जरिए हमला कर करीब 1,400 लोगों को मार दिया जिनमें अधिकतर आम नागरिक थे.वहीं, फिलिस्तीनी अधिकारियों के अनुसार, गाजा पर इजरायल की बमबारी में कम से कम 2,750 लोग मारे गए है और लगभग 10,000 लोग घायल हुए हैं.
मलेशिया और इजरायल के बीच नहीं हैं राजनयिक संबंध
60 फीसद मुस्लिम आबादी वाला देश मलेशिया फिलिस्तीनी अधिकारों का मुखर समर्थक है और इजरायल के साथ उसके राजनयिक संबंध नहीं हैं.पिछले हफ्ते, अनवर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय की आलोचना करते हुए कहा था कि इजरायल-हमास संघर्ष पर दुनिया का रुख एकतरफा है.
उन्होंने एक्स (पहले ट्विटर) पर किए गए एक ट्वीट में कहा, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय फिलिस्तीनी लोगों के प्रति सभी प्रकार की क्रूरता और उत्पीड़न को लेकर एकतरफा रुख बनाए हुए है. फिलिस्तीनियों की जमीन और संपत्ति पर लगातार इजरायल कब्जा करता जा रहा है. इस अन्याय की वजह से सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान गई है. मलेशिया फिलिस्तीनी लोगों के संघर्ष के साथ एकजुटता से खड़ा है.'
इससे पहले मलेशियाई विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से युद्धविराम का आह्वान करने का आग्रह किया था.
राजधानी कुआलालंपुर में लगभग 1,000 मुसलमानों ने रैली कर फिलिस्तीनियों के प्रति अपना समर्थन जताया था. इस दौरान फिलिस्तीन की आजादी के नारे लगाए गए और इजरायली झंडे को जलाया गया.