सऊदी अरब के प्रिंस ने इजरायल को दी नसीहत, भारत की तरह बनो; हमास पर भी बरसे

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नई दिल्ली

गाजा में चल रहा युद्ध भयावह रूप लेता जा रहा है। इजरायली सेना ने ऐलान किया है कि वह गाजा में हमले और तेज करेगा। हमास को पूरी तरह से खत्म करने के उद्देश्य से इजरायली सेना गाजा में अभी तक 100 से अधिक ठिकानों को बर्बाद कर चुकी है।  इस बीच सऊदी अरब के एक राजकुमार तुर्की बिन फैसल अल सऊद का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने जंग के लिए हमास और इजरायल दोनों की आलोचना की। सऊदी अरब में 24 वर्षों तक खुफिया विभाग की कमान संभालने वाले फैसल ने कहा कि "इस संघर्ष में कोई नायक नहीं हैं, केवल पीड़ित हैं"। इसका एक ही हल है- नागरिक विद्रोह। फैसल ने भारत का भी उल्लेख किया। कहा कि नागरिक विद्रोह ने भारत में ब्रिटिश और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया था।

संबोधन का वायरल वीडियो 78 वर्षीय सऊदी प्रिंस तुर्की बिन फैसल के यह कहते हुए शुरू होता है कि कब्जे वाले सभी लोगों को अपने कब्जे का विरोध करने का अधिकार है, यहां तक ​​कि सैन्य रूप से भी। उन्होंने कहा, "मैं फिलिस्तीन में सैन्य विकल्प का समर्थन नहीं करता। मैं दूसरा विकल्प पसंद करता हूं- नागरिक विद्रोह। भारत का उल्लेख करते हुए सऊदी प्रिंस ने कहा कि इसने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य और पूर्वी यूरोप में सोवियत साम्राज्य को ध्वस्त कर दिया था।"

उन्होंने कहा, इजराइल के पास जबरदस्त सैन्य श्रेष्ठता है और दुनिया गाजा में उसके द्वारा मचाई जा रही तबाही को देख सकती है। इस महायुद्ध की शुरुआत के जिम्मेदार हमास पर निशाना साधते हुए फैसल ने कहा, "मैं स्पष्ट रूप से हमास द्वारा किसी भी नागरिक को निशाना बनाने की निंदा करता हूं, जैसा कि उस पर आरोप लगाया गया है। इस तरह का लक्ष्य हमास के इस्लामी पहचान के दावों को झुठलाता है।"  उन्होंने कहा, निर्दोष बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की हत्या और पूजा स्थलों को अपवित्र करना इस्लाम तो कतई नहीं है। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के अनुसार, इज़रायल के शहरों पर हमास के आश्चर्यजनक हमलों और क्रूर जवाबी कार्रवाई में अब तक 5800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है।

सऊदी राजकुमार ने "इजरायली सरकार को हमले का मौका देने" के लिए हमास की आलोचना की। उन्होंने कहा, "मैं इस सरकार को गाजा से उसके नागरिकों का जातीय सफाया करने और उन पर बमबारी करने का बहाना देने के लिए हमास की निंदा करता हूं।" सऊदी राजकुमार ने फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान तक पहुंचने के सऊदी अरब के प्रयास को विफल करने के लिए हमास की भी आलोचना की। कई विशेषज्ञों ने कहा है कि इज़रायल-सऊदी अरब संबंधों का सामान्यीकरण, जो गाजा में युद्ध के कारण रुका हुआ था, एक महत्वपूर्ण पृष्ठभूमि थी जिसके खिलाफ हमास ने अपने अभूतपूर्व हमले की योजना बनाई थी।

इजरायल पर भी निशाना
फिलिस्तीन में इज़रायल की कथित ज्यादतियों और नागरिकों की हत्या पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, "यह रक्तपात बंद होना चाहिए।" उन्होंने तेल अवीव पर फिलिस्तीनियों की टारगेट किलिंग और नागरिकों को जेल में डालने का आरोप लगाते हुए कहा, "मैं इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी भूमि की चोरी की निंदा करता हूं।" सऊदी राजकुमार ने पश्चिमी राजनेताओं पर भी निशाना साधा कि जब फिलिस्तीनियों द्वारा इजरायलियों को मार दिया जाता है तो वे "आंसू बहाते हैं" लेकिन जब मामला इसके विपरीत होता है तो "वे दुख व्यक्त करने से भी इनकार कर देते हैं"। उन्होंने कहा, "इस संघर्ष में कोई नायक नहीं हैं, केवल पीड़ित हैं।"

कौन हैं फैसल
फैसल ने 24 साल तक सऊदी खुफिया एजेंसी अल मुखबरत अल अम्मा का नेतृत्व किया है और लंदन और अमेरिका में देश के राजदूत के रूप में भी काम किया। हालांकि इस समय उनके पास कोई सार्वजनिक पद नहीं है। उनकी इस टिप्पणी पर सऊदी की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

 

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