संघ ने मध्यप्रदेश चुनाव की संभाली कमान? अब इस रणनीति के साथ बीजेपी मैदान में उतरेगी

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भोपाल
 एमपी में बीजेपी को चुनाव जिताने के लिए अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) शक्ति दिखाने जा रहा है। चुनाव की तारीख को जब एक महीने का समय भी नहीं बचा है, ऐसे में संघ ने कमान संभालने की तैयारी तेज कर दी है। पिछले दिनों मुख्यमंत्री निवास में संघ के दिग्गज नेताओं की बैठक के बाद कई निर्णय लिये गए हैं, जिन्हें अब जमीन में उतारा जाना है। आरएसएस मूल रूप से मध्य प्रदेश सरकार के प्रचार-प्रसार पर केंद्रित नहीं होकर केंद्र की नरेंद्र मोदी द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का प्रचार प्रसार करेगा।

केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय हितों, विचारों के प्रति देश में किया जा रहे कार्यों से जनता को परिचित कराया जाएगा। इसके लिए संघ के कार्यकर्ता जमीन पर उतरेंगे और सरकार के पक्ष में माहौल बनाने का प्रयास करेंगे। संघ, राष्ट्रीय विचारधारा को प्रचार-प्रसार का मूल मंत्र बनाकर इस अभियान को संचालित करेगा। यह संयोग है कि इस बार नवरात्रि और दीपावली मतदान की तारीख के ठीक पहले हैं।

विजयादशमी आरएसएस का प्रमुख पर्व
विजयादशमी आरएसएस के लिए प्रमुख पर्व है। ऐसे में चुनाव से पहले विजयादशमी के अवसर पर संघ द्वारा निकाले जाने वाले पथ संचलन को विशाल और भव्य रूप देने की तैयारी चल रही है। अकेले वाणिज्यिक राजधानी इंदौर में इस बार 300 से ज्यादा पथ संचलन निकाले जाने हैं। प्रदेशभर में बाल शाखों का संचालन भी निकाले जाने की कार्ययोजना बनाई जा रही है। संघ के कर्ताधर्ताओं का मानना है कि वर्तमान में राष्ट्रीय विरोधी विचारधारा काफी तेजी से फैल रही है।

2018 की सिफारिश पर नहीं किया था अमल
राष्ट्र विरोधी नेरेटिव बनाए जा रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश की जनता के लिए किये जा रहे जनकल्याणकारी कार्यों और राष्ट्रीय विचारधारा के प्रति किये जा रहे कार्यों को लोगों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है। इसका जिम्मा अब संघ के कार्यकर्ता उठाएंगे। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश में वर्ष 2018 के चुनाव में भारतीय जनता पार्टी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी मातृ संस्था आरएसएस की सिफारिशों पर अमल नहीं किया था। लिहाजा राज्य हाथ से निकल गया था।

संघ ने क्यों संभाल लिया मोर्चा
आपको बता दें कि संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार जो कि संघ और भाजपा के बीच समन्वय देख रहे हैं, उन्होंने नई रणनीति के तहत प्लान बनाया है। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मध्य क्षेत्र के क्षेत्र प्रचारक दीपक विस्पुते के साथ मंथन किया है। आरएसएस इसलिए भी इस बार प्रचार मैदान में जा रहा है क्योंकि मध्य प्रदेश का चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़ा जा रहा है। यही कारण है कि संघ ने खुद को एक्टिव कर लिया है। संघ के कार्यकर्ता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रचार न करके सीधे केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किए जा रहे कार्यों का प्रचार प्रसार करेंगे। संघ का मानना है कि मोदी के चेहरे के दम पर ही मध्य प्रदेश में चुनाव जीता जा सकता है। इस बार संघ हिंदू वोट प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी लोगों को प्रेरित करेगा। कार्यकर्ता हिन्दुओं को बताएंगे कि अगर हिंदू मतदान करने नहीं जाते हैं तो उसका खामियाजा किस प्रकार से भुगतना पड़ सकता है।

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