संकुल समन्वयक कर रहे मनमानी…

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*संकुल समन्वयक कर रहे मनमानी* राजिम फिंगेश्वर-छत्तीसगढ़ शासन द्वारा बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हेतु नई शिक्षा नीति के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव किया जा रहा है , इन बदलावों में एक महत्वपूर्ण सुधार है संकुल व्यवस्था में परिवर्तन ।

छत्तीसगढ़ शासन समग्र शिक्षा रायपुर द्वारा पूर्व से संचालित संकुल व्यवस्था में परिवर्तन करते हुए शाला संकुल व्यवस्था लागू किया गया है । इसके अंतर्गत प्रत्येक हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों को शाला संकुल बनाया गया है तथा शाला संकुल के लिए संकुल समन्वयकों की नियुक्ति की गई है। नई शिक्षा नीति के तहत गठित शाला संकुल की बात करें तो पूर्व की तुलना में आकार बहुत छोटा हो गया है वहीं प्रत्येक विकासखंड में शाला संकुल व्यवस्था के अंतर्गत गठित संकुलों की संख्या पहले से कहीं अधिक है ।

अतः शाला संकुल में पहले के तुलना में कहीं अधिक शिक्षक संकुल समन्वयक के रूप में कार्य कर रहे हैं | चूंकि नवीन संकुल व्यवस्था का गठन का आधार ही अकादमी निरीक्षणों की संख्या में तेजी लाना है , जिससे कि बच्चों के शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार हो सके , इसलिए शाला संकुल व्यवस्था के अंतर्गत नियुक्त संकुल समन्वयकों के नियुक्ति नियम में स्पष्ट कर दिया गया है कि नवीन शाला संकुल व्यवस्था के अंतर्गत नियुक्त संकुल समन्वयकों को प्रतिदिन अपने मूल शाला में तीन कालखंड अध्यापन कार्य पूरा करने के उपरांत ही संकुल से संबंधित कार्य निष्पादित करना है , जिसकी सतत मॉनिटरिंग जिला/विकासखंड स्तरीय अधिकारियों द्वारा किया जाना है|

परंतु फिंगेश्वर विकासखंड के 26 संकुल समन्वयकों के द्वारा राज्य शासन के आदेश को धता बताते हुए अध्यापन का कार्य किया ही नही जा रहा है। इन संकुल समन्वयको के निरीक्षण करने वाले विकासखंड शिक्षा अधिकारी तथा विकासखंड स्त्रोत समन्वयक का ध्यान इस ओर है ही नही क्योंकि फिंगेश्वर विकासखंड में दो-दो विकासखंड शिक्षा अधिकारी हैं जो अपनी अपनी कुर्सी बचाने के लिए न्यायालय की शरण मे हैं।

वहीं विकासखंड स्त्रोत समन्वयक का पद विगत एक माह से रिक्त है जिस पर आज पर्यन्त जिले के अधिकारियों द्वारा नियुक्ति नही की गई है। इस तरह स्पष्ट है कि फिंगेश्वर में संकुल समन्वयकों के द्वारा मनमानी की जा रही है और नौनिहालों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है जिसकी मौन स्वीकृति अधिकारियों के द्वारा दी जा रही है जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है।

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