जीतनराम मांझी चुनावी पॉलिटिक्स से रिटायर हुए, लोकसभा चुनाव से पहले किया बड़ा ऐलान

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पटना

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) के संस्थापक के जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) अब भविष्य में कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे. जीतन राम मांझी ने लोकसभा चुनाव के पहले खुद यह बड़ा ऐलान किया है. मांझी ने कहा है कि उनकी उम्र 79 साल हो गई है और 75 साल के बाद चुनाव नहीं लड़ना चाहिए.

अपनी उम्र का हवाला देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि अब चुनाव लड़ना उनके सिद्धांतों के खिलाफ होगा, इसके साथ ही यह साफ हो गया है की जीतन राम मांझी लोकसभा के अगले चुनाव में किसी भी सीट से उम्मीदवार नहीं होंगे.

मांझी ने शाह से की थी मुलाकात

अपने दिल्ली दौरे के दौरान जीतन राम मांझी ने केंद्रीय गृह मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अमित शाह से मुलाकात की थी. इसके बाद उन्होंने कहा था कि वह लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मुलाकात करने आए थे. उन्होंने कहा कि एनडीए में उनकी पार्टी को जितनी भी सीट मिलेगी उस पर जीत के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा.

 जीतन राम मांझी ने यह भी कहा कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों पर एनडीए की जीत हो, इसके लिए वह बीजेपी के सहयोगी के तौर पर मजबूती से खड़े रहेंगे. मांझी ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बीजेपी की तरफ से जो भी सीट उनकी पार्टी को दी जाएगी वह उसे स्वीकार करेंगे.

नीतीश के एनडीए में वापसी की करेंगे विरोध

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जदयू के एनडीए में वापसी के प्रयासों पर भी जीतन राम मांझी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है कि अगर नीतीश कुमार एनडीए में वापसी करते हैं तो वह इस पर आपत्ति जताएंगे. मांझी ने कहा कि नीतीश कुमार को लालू यादव और तेजस्वी यादव पहले से ही पलटू राम कह चुके हैं. कोई उन्हें पलटू चाचा कहता है तो कोई पलटू भाई के नाम से पुकारता है, नीतीश कुमार की अब यही पहचान रह गई है.

उन्होंने कहा कि अगर एक बार फिर से नीतीश कुमार पलटी मारते हैं तो इसका कोई जवाब नहीं है. मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी एनडीए के एक छोटे सहयोगी के तौर पर है ऐक उनकी कोई बड़ी भूमिका नहीं है लेकिन अगर नीतीश कुमार की वापसी बीजेपी करना चाहेगी तो वह इसका विरोध करेंगे.

 

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