त्रिवेणी मैया की आरती कर काव्य गोष्ठी का किया शुभारंभ
उरेन्द्र साहू जिला संवाददाता : – गरियाबंद / राजिम | त्रिवेणी मैया की आरती कर काव्य गोष्ठी का किया शुभारंभ।कविता गढ़ना और उसे प्रस्तुत करना दोनों अलग-अलग विधा चंद्रशेखर साहू । साहित्यकार दिनेश चौहान को मिला प्रयाग सम्मान 2020 महँगाई का दौर है ये साहिर, कम जरूरत हो तो दिवाली हो।
राजिम 23 नवंबर। प्रयाग साहित्य समिति की मासिक काव्य गोष्ठी एवं दीपावली मिलन समारोह महोत्सव मुख्यमंच मुक्ताकाश में संपन्न हुई।
कार्यक्रम के अतिथियों के द्वारा सर्वप्रथम त्रिवेणी मैया की आरती उतारी गई तथा नारियल अर्पित कर पूजा अर्चना के साथ काव्य गोष्ठी शुरू हुई। इस मौके पर प्रयाग सम्मान 2020 अंचल के वरिष्ठ साहित्यकार दिनेश चौहान को प्रदान किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला पंचायत सदस्य एवं सोसाइटी के अध्यक्ष चंद्रशेखर साहू ने कहा कि जीवन एक बराबर नहीं रहता, उतार-चढ़ाव दुनिया का दस्तूर है उसी बात को साहित्यकार इंगित करते हुए लिपिबद्ध करते हैं और पटल पर रखते हैं। कविता गढ़ना और उसे प्रस्तुत करना दोनों अलग-अलग विधा है। राजिम शुरू से साहित्य के क्षेत्र में प्रगति की है जितने भी कवि साहित्यकार वर्तमान में लिख रहे हैं उनमें से अधिकांश राजिम में पले बढ़े एवं लिखना सीखा है। एक तरह से राजिम शहर साहित्य के लिए अत्यंत उर्वरा भूमि है। महानदी, सोंढूर, पैरी नदी का पानी साहित्य के रंग को गाढ़ा कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हमसे जो सहयोग बन पड़ेगा जरूर देंगे बशर्ते साहित्य के क्षेत्र में गरियाबंद जिला हमेशा अग्रणी बना रहे इस बात का हम सभी को ध्यान देना है।
अध्यक्षता कर रहे प्रयाग साहित्य समिति के अध्यक्ष टीकमचंद सेन ने कहा कि साहित्य समिति पुराने मूर्धन्य साहित्यकारों को सम्मानित करने के लिए कृत संकल्पित है। अच्छे साहित्य उभर कर सामने आए इस दिशा में अनेक प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा कि कवि जब कविता लिखता है तो उनके विचार सामने आते हैं और समाज को दिशा प्रदान करते हैं।
विशिष्ट अतिथि हिंदी साहित्य भारती के जिला अध्यक्ष मुन्नालाल देवदास ने कहा कि जिले में लिखने वालों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है हिंदी साहित्य भारती के अलावा रत्नांचल जिला साहित्य परिषद तथा प्रयाग सहित्य समिति लगातार अलग अलग पैटर्न में काम कर रही है और शब्दों में कसावट बनी रहे तथा आपसी सामंजस्य से आकार प्रदान करें।उन्होंने गरियाबंद जिला पर शानदार गीत भी प्रस्तुत किया। अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिला कोषाध्यक्ष विष्णु राम जांगड़े ने दीपावली की बधाई देते हुए कहा कि दीप पर्व हम सबकी जीवन को आलोकित करें। सम्मानित होने पर दिनेश चौहान ने अपने उद्बोधन में कहा कि घर में सम्मान होना बहुत जरूरी है। सम्मान की तालियां लिखने के लिए प्रेरित करती है। साहित्य हमेशा दिशा देने का काम किया है। इस मौके पर पत्रकार नागेंद्र निषाद का वस्त्रालंकरण एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया तथा उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि पंडित सुंदरलाल शर्मा, पवन दीवान, कृष्णा रंजन, लक्ष्मण मस्तुरिया जैसे अनेक साहित्यकार यहां की माटी को गौरवान्वित किए हैं। कवि जब लिखता है तो वह सौ बार सोचता है और पूरी तरह से क्लियर होने के बाद ही उसे लिपिबद्ध करता है। राजिम की तासीर साहित्य को प्रगाढ़ बनाती है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए कवि नूतन साहू ने आ जाओ साहित्य के टच में सुना कर भाव विभोर कर दिया। उन्हें जबलपुर मध्य प्रदेश से 23वीं बार सम्मानित होने पर शुभकामनाएं एवं बधाई दी गई।
शायर जितेंद्र सुकुमार साहिर ने दिवाली पर शानदार ग़ज़ल पढ़ा कुछ एक शेर के प्रस्तुत है कुछ अंश- दिल में उल्फत हो तो दिवाली हो। साथ कुदरत हो तो दिवाली हो। दौर महँगाई का है ये साहिर। कम ज़रूरत हो तो दिवाली हो, को लोगो ने खूब पसंद किया ।
कवि संतोष कुमार सोनकर मंडल ने दीपावली के जन्म पर कहा कि- नदियों की कलकल धारा हो, अंबर पर चमकता तारा हो, तिहू लोक उजियारा हो, खिल रहा सुमन हो, कहीं ना घुटन हो, दीप का जलन हो, तो दीपावली का जन्म हो।
हास्य व्यंग्य के कवि संतोष सेन ने रोटी की महिमा का गुणगान करते हुए कहा कि- रोटी कमाना बड़ी बात नहीं है बल्कि एक साथ बैठकर रोटी खाना बहुत बड़ी बात है।
हास्य कवि गोकुल सेन ने संस्कृति पर शानदार रचना पढी पंक्ति देखिए- का बताओ रे संगी कहां मोर संस्कृति नंदागे, पहली जमाना पतोहिया आवय, घर के जम्मो पत ल राखय। कवि तुकाराम कंसारी ने शानदार पंक्ति पढ़कर काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयां प्रदान की उन्होंने कहा कि- नई कलम का आगाज लिखता हूं आसमां में रहकर धरती का परवाज लिखता हूं। पुरंदर वर्मा अपनी चार लाइन की रचना प्रस्तुत कर वाहवाही बटोरी। वेदराम निषाद की उपस्थिति अत्यंत प्रार्थनीय रही। आभार प्रगट साहित्यकार तुकाराम कंसारी ने किया।