राष्ट्रीय

तीस्ता में जलस्तर फिलहाल खतरे के निशान से नीचे, बाढ़ जैसे हालात नहीं: सीडब्लयूसी

नई दिल्ली तीस्ता नदी में जलस्तर बुधवार दोपहर एक बजे तक खतरे के निशान से नीचे था और इसके आस-पास...

सुप्रीम कोर्ट की ED को सख्त हिदायत- जांच में सहयोग नहीं कर रहा कहकर गिरफ्तार नहीं कर सकते

नई दिल्ली  मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की सुनवाई कर रही शीर्ष अदालत ने प्रवर्तन निदेशालय यानी ED को गिरफ्तारी...

SYL विवाद: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को कड़ी फटकार लगाई, इस पर राजनीति न करें, आप कानून से ऊपर नहीं

नई दिल्ली दो दशक पुराने हरियाणा और पंजाब के सतलुज यमुना लिंक (SYL) नहर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब...

कुलगाम जिले में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़, हो रही ताबड़तोड़ फायरिंग

श्रीनगर जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में बुधवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ छिड़ गई। पुलिस ने यह जानकारी...

ISRO ने चुन लिए गगनयान के यात्री, वायुसेना के ये तीन जवान बनेंगे एस्ट्रोनॉट्स

नई दिल्ली चंद्रयान-3 की सफलता के बाद अब ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन अब गगनयान की तैयारी कर रहा...

देश में विमान वायुसेना को पहला तेजस ट्विन सीटर मिला, दुश्मन खेमे में मचा देगा तबाही

बेंगलुरु हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने आज भारतीय वायुसेना को पहला एलसीए तेजस ट्विन सीटर विमान सौंप दिया है। बेंगलुरु मुख्यालय...

अंबाजी मंदिर में प्रसाद घोटाला, अमूल के डिब्बे में डालकर नकली घी करते थे इस्तेमाल

अहमदाबाद गुजरात में प्रसिद्ध अंबाजी मंदिर का प्रसाद बनाने वाली कंपनी का बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया है. ये कंपनी प्रसाद...

बच्चों के लिए दुनिया की दूसरी मलेरिया वैक्सीन को डब्ल्यूएचओ की मंजूरी

नई दिल्ली  सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मलेरिया के एक टीके को मंजूरी दे...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।