राष्ट्रीय

तेलंगाना के मंत्री के. टी. रामाराव ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी के 10 साल के शासन में ‘‘अडाणी’ के अलावा ‘‘आम आदमी’ को कुछ नहीं मिला

नई दिल्ली  भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष एवं तेलंगाना के मंत्री के. टी. रामाराव ने मंगलवार को निजामाबाद...

न्यायालय का ‘रामसेतु’ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने का निर्देश देने संबंधी याचिका पर विचार करने से इनकार

नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय ने 'रामसेतु' को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने और उक्त स्थान पर एक दीवार के निर्माण का...

‘न्यूज क्लिक’: 100 से अधिक स्थानों पर छापेमारी, 500 पुलिसकर्मी तैनात, 38 करोड़ बने चर्चा का विषय

नई दिल्ली ऑनलाइन पोर्टल न्यूजक्लिक से जुड़े कई पत्रकारों और कर्मचारियों के चीनी संबंध होने की अटकलों के बीच दिल्ली...

भारत का ट्रूडो को बड़ा झटका : अपने 40 राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश

ओटावा/नई दिल्‍ली: खाालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या को लेकर बेबुनियाद आरोप लगा रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो...

सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग्स प्लांटिंग मामले में पूर्व IPS संजीव भट्ट की याचिका की खारिज, तीन लाख का लगाया जुर्माना

नई दिल्ली उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने मंगलवार को पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की तीन याचिकाएं खारिज कर दीं।...

उच्चतम न्यायालय ने की संजीव भट्ट की याचिकाएं खारिज

नई दिल्ली  उच्चतम न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के पूर्व अधिकारी संजीव भट्ट पर अदालत का समय बर्बाद करने...

लाल बहादुर शास्त्री पर पाक टीवी चैनल कि हो रही तारीफ, भारतीय भी गदगद

नई दिल्ली दो अक्टूबर को पूरे देश ने महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को याद किया। लालबहादुर शास्त्री...

नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में नहीं रुकी मौत! 7 और मरीजों ने तोड़ा दम, जांच की मांग

नांदेड़ महाराष्ट्र के नांदेड़ के सरकारी अस्पताल में मौत का सिलसिला रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बीती देर...

पीएम मोदी ने जातिगत जनगणना पर पहली बार प्रतिक्रिया दी, सबसे बड़ी आबादी गरीबों की

नई दिल्ली बिहार में जातिगत जनगणना और इसके नतीजों के बाद सबसे बड़े जाति समूह ओबीसी-ईबीसी को लेकर राजनीति के...

सुनवाई को राजी हुई अदालत- बिहार की जातिगत जनगणना को सुप्रीम कोर्ट में मिली चुनौती

नई दिल्ली बिहार में जातिगत सर्वे के आंकड़े सामने आने के बाद केंद्र और राज्य सरकार में टेंशन बढ़ गई...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।