राष्ट्रीय

केंद्रीय कर्मचारियों को दिवाली पर मिलेगा तोहफा? DA में हो सकता है तगड़ा इजाफा

नईदिल्ली इस बार की दिवाली (Diwali) केंद्रीय कर्मचारियों के लिए और भी रोशन हो सकती है और रोशनी के इस...

गृह विभाग ने जारी किया आदेश- ‘हिंसा भड़काने वाले वीडियो-फोटोज शेयर करने वालों पर होगी बड़ी कार्रवाई’

मणिपुर मणिपुर सरकार ने एक आदेश में कहा है कि राज्य में हिंसा और संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने संबंधी वीडियो...

देश-विदेश में खेल के माध्यम से अपनी धाक जमा चुके दो खिलाड़ियों सहित 4 गिरफ्तार, कई अवैध हथियार बरामद

फरीदाबाद नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर खेल के माध्यम से अपनी धाक जमा चुके दो खिलाड़ी गिरफ्तार हुए हैं। मामला...

अब माता वैष्णो देवी के दर्शन करने होंगे आसान, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भक्तों को दिया बड़ा तोहफा

जम्मू माता वैष्णो देवी भक्तों के लिए बड़ी खबर है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज श्री माता वैष्णो देवी मंदिर...

खराब श्रेणी में पहुंचा AQI, दमघोंटू होने लगी दिल्ली की हवा, अगले 6 दिन कैसी हवा में सांस लेंगे आप

नई दिल्ली दिल्ली की वायु गुणवत्ता गुरुवार को खराब श्रेणी में पहुंच गई। जबकि न्यूनतम तापमान इस सीजन में अब...

हाई कोर्ट में पुलिस ने दी दलील, लोगों को पिछवाड़े पर मारना अत्याचार नहीं

अहमदाबाद छड़ी से लोगों को पिछडवाड़े पर मारने को हिरासत में क्रूरता नहीं कहना चाहिए। गुजरात हाईकोर्ट में अवमानना के...

अल्बर्ट आइंस्टीन भी मुल्क छोड़ भागा था, सहा यहूदियों वाला दर्द

नई दिल्ली इजरायल पर हमास के आतंकी हमले में 1,200 लोग मारे गए हैं और जवाबी कार्रवाई में बड़ी संख्या...

आज रात भारतीयों को लेने इजरायल जाएगा विमान, विदेश मंत्रालय ने बताया क्‍या है रेस्‍क्‍यू प्‍लान

नई दिल्‍ली  भारतीय नागरिकों को लेने के लिए पहली चार्टर उड़ान आज रात तेल अवीव पहुंचेगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता...

भारत घूमने आए इजरायली सैलानी, हमास के खिलाफ जंग में थामना चाहते हैं बंदूक, लौट रहे हैं अपने देश

नईदिल्ली हमास और इजरायल में जारी जंग के बीच दुनियाभर में मौजूद इजरायली नागरिक अब घर वापसी कर रहे हैं....

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।