राष्ट्रीय

*भारत माता स्कूल डोहल में मातृ पितृ दिवस पर लगा आनंद मेला ,बच्चो ने बनाया व्यंजन*

*भारत माता स्कूल डोहल में मातृ पितृ दिवस पर लगा आनंद मेला ,बच्चो ने बनाया व्यंजन* *रिपोर्ट:- नागेश्वर मोरे* *देवभोग...

*सांसद प्रत्याशी के दावेदार चंद्रशेखर शुक्ला पहुंचे देवभोग किसानों से मुलाकात कर कहा, फसल बीमा की आधा अधूरा राशि देना किसानो के साथ अन्याय*

*सांसद प्रत्याशी के दावेदार चंद्रशेखर शुक्ला पहुंचे देवभोग किसानों से मुलाकात कर कहा, फसल बीमा की आधा अधूरा राशि देना...

*गरियाबंद के वन कर्मी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर* *चार सूत्री मांगों पर पूरे प्रदेश में आंदोलन* *दफ्तर से लेकर जंगल तक कामकाज प्रभावित*

*गरियाबंद के वन कर्मी भी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर* *चार सूत्री मांगों पर पूरे प्रदेश में आंदोलन* *दफ्तर से लेकर जंगल...

*स्वामी विवेकानंद स्मृति में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कुल में खेल महोत्सव* *दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता में विभिन्न विधाओं में खेल शुरू*

*स्वामी विवेकानंद स्मृति में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश स्कुल में खेल महोत्सव*   *दो दिवसीय खेल प्रतियोगिता में विभिन्न विधाओं में...

*ज्योतिर्मठ शंकराचार्य से जुड़ने के लिए 1008.guru से सीधे जुड़ रहे लोग,बढ़े लाखों फालोवर्स*

*ज्योतिर्मठ शंकराचार्य से जुड़ने के लिए 1008.guru से सीधे जुड़ रहे लोग,बढ़े लाखों फालोवर्स*       प्रयागराज- ज्योतिष पीठ...

*विवेकानंद जयंती के अवसर पर संघ के महाविद्यालयीन छात्रों का कौमुदी पथ संचलन*

*विवेकानंद जयंती के अवसर पर संघ के महाविद्यालयीन छात्रों का कौमुदी पथ संचलन*   रायपुर। स्वामी विवेकानंद जयंती के अवसर...

ओडिशा सरकार 11वीं और 12वां कक्षा के छात्रों को जेईई और नीट की मुफ्त ऑनलाइन कोचिंग प्रदान करेगी

भुवनेश्वर ओडिशा सरकार ने राज्य के विभिन्न उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों (एचएसएस) के 11वीं और 12वां कक्षा के छात्रों को संयुक्त...

रिपोर्ट : 2021 में उच्च शिक्षा में मुसलमानों के नामांकन में 8.5 फीसदी से अधिक गिरावट आई

नई दिल्ली ‘भारत में मुस्लिम शिक्षा की स्थिति’ शीर्षक वाली एक नई रिपोर्ट के अनुसार, उच्च शिक्षा में नामांकित मुस्लिम...

2030 तक एड्स खत्म करने में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए साझेदारी मजबूत करें : डब्ल्यूएचओ

नई दिल्ली  विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व एड्स दिवस के मौके पर दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्र और पूरी दुनिया...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।