छत्तीसगढ़

किसान विरोधी काला कानून बनाने में राष्ट्रपति ने जल्दबाजी की छत्तीसगढ़ के किसानों पर विपरीत असर सम्भव – अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

आंदोलन की रूपरेखा तय करने महासंघ की राज्य स्तरीय बैठक 30 सितंबर को इतेश सोनी गरियाबंद । अखिल भारतीय क्रांतिकारी...

दो क्विंटल 70 किलो गांजा तस्करी करते दो आरोपी गिरफ्तार राजिम थाने की बड़ी कारवाही, जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

गरियाबंद / राजिम | जिला मुख्यालय गरियाबंद के अंतर्गत राजिम थाना क्षेत्र में भारी मात्रा में गांजा तस्करी करते दो...

छत्तीसगढ़ी फिल्म अभिनेता राजू दीवान ने की प्रदेश वासियों से अपील

कोरोना संक्रमण के चलते अभी पूरे प्रदेश में लगातार लॉकडाउन की स्थिति चल रही है मगर सही मायने में अब...

सर्वोच्य छत्तीसगढ़ न्यूज़ के पत्रकारो ने कोरोना योद्धा थाना प्रभारी मैनपुर भूषण चंद्राकर जी को किया सम्मानित – इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद मैनपुर - कोरोना महामारी के दौरान देश की जनता की सेवा में निर्बाध रूप से लगे हुए...

ग्राम जेंजरा में पर्यवरण को लेकर , महिलाये जागरूक , गांव को स्वच्छ बनाने का संकल्प , जिला संवाददाता – उरेन्द्र कुमार साहू

कोपरा | गरियाबंद जिले के अंतर्गत फिंगेश्वर ब्लॉक के ग्राम पंचायत जेंजरा में महिलाओं ने पर्यावरण के संबन्ध में उठाये...

छत्तीसगढ़ जनजाति गौरव समाज के प्रदेश पदाधिकारियों की घोषणा

जनजाति समाज के गौरवशाली परंपरा को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य के समस्त जनजाति समाज प्रमुखों की एक...

छात्रों से अवैध वसूली के विषय पर अभाविप का प्रचार्य को ज्ञापन- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

इतेश सोनी गरियाबंद। गरियाबंद जिले के मैनपुर विकासखंड के पैरीगंगा महाविद्यालय के शिक्षक द्वारा महाविद्यालय के पीजीडीसीए के विद्यार्थियों से...

लगातार हो रहे पत्रकारों पर हमले को लेकर छत्तीसगढ़ जल्दी से यूनियन धमतरी जिला अध्यक्ष राजू दीवान ने राज्य सरकार के प्रति तीखी प्रतिक्रिया …………

लगातार हो रहे पत्रकारों पर हमले को लेकर छत्तीसगढ़ जल्दी से यूनियन धमतरी जिला अध्यक्ष राजू दीवान ने राज्य सरकार...

जुल्मी जब जब जुल्म करेगा, सत्ता के गलियारों पे चप्पा चप्पा गुंज उठेगा इंकलाब के नारों से

आम आदमी पार्टी ने काँकेर sp को दिया अल्टीमेटम, पत्रकारों के खिलाफ जानलेवा हमला करने वालो को अगर ( हमले...

केदार आए पत्रकारों के समर्थन में

कांग्रेस शासन में पूरे प्रदेश में चल रहा गुंडाराज-केदार कश्यपजगदलपुर, 27 सितम्बर। कांकेर में पत्रकारों पर हुवे हमले पर पूर्व...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।