किसान विरोधी काला कानून बनाने में राष्ट्रपति ने जल्दबाजी की छत्तीसगढ़ के किसानों पर विपरीत असर सम्भव – अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा- इतेश सोनी जिला ब्यूरो गरियाबंद

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आंदोलन की रूपरेखा तय करने महासंघ की राज्य स्तरीय बैठक 30 सितंबर को

इतेश सोनी गरियाबंद । अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा ने राष्ट्रपति द्वारा कृषि बिल पर हस्ताक्षर करने को बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बताया है । छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ से संबद्ध 25 संगठनों द्वारा देशभर के किसानों के साथ राष्ट्रपति को पत्र लिखकर कृषि बिल पर हस्ताक्षर नहीं किये जाने का निवेदन किया गया था । लेकिन इस निवेदन को ठुकराते हुए तथा देश के हजारों किसान आंदोलनकारियों की वास्तविक मांगों को नजरअंदाज कर राष्ट्रपति द्वारा 27 सितंबर को किसानों की शोषण के लिये इस कानून को बनाने में जल्दबाजी कर दी गई।
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, छत्तीसगढ़ के सदस्यों भोजलाल नेताम, मदन लाल साहू, तेजराम विद्रोही,  रेखुराम, जहूर राम, उत्तम कुमार, पवन कुमार, ललित कुमार, बिसौहा राम ने किसान विरोधी बिल के कानून बनाये जाने को देश के किसानों के लिये काला दिन बताया है । इसलिए देशभर में इस बिल के खिलाफ किसान आंदोलन कर रहे हैं ।अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा, छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने देश के 250 से अधिक किसान संगठनों की समन्वय समिति के आव्हान पर 25 सितंबर को प्रदेश में सैकड़ों स्थानों पर प्रदर्शन किया था ।
 किसान सभा के नेताओं ने बयान जारी कर कहा है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ के किसानों के धान की सीधी खरीदी राज्य सरकार द्वारा की जाती है, लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे के हाल में दिए बयानों से प्रतीत होता है कि प्रदेश के किसानों से धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य में खरीदी और धान पर 2500 रुपये प्रति क्विंटल देने पर विपरीत असर पड़ सकता है । जो बहुत ही सोचनीय विषय है। इन हालात में प्रदेश के 37 लाख किसान परिवारों की आजीविका पर कृषि कानून की वजह से गहरा दुष्प्रभाव पड़ जायेगा । इसलिए किसान आंदोलन की प्रदेश में रूपरेखा तय करने आगामी 30 सितंबर को दोपहर 2 बजे छत्तीसगढ़ के समस्त किसान संगठनों एवं किसानों से सहानुभूति रखने वाले बुद्धिजीवियों व समान विचारधारा वाले सामाजिक संगठनों की प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन किया जा रहा है । यह बैठक कोरोना महामारी में सावधानी बरतते हुए नगरघड़ी चौक के निकट कलेक्टोरेट गार्डन के सामने गढ़कलेवा परिसर में आयोजित की जायेगी । 
किसान सभा ने सभी किसान संगठनों से अपील किया है कि वे इस बैठक में शामिल होकर किसान,कृषि विरोधी व कारपोरेट परस्त कानून के खिलाफ एकजुट होकर केंद्र सरकार को किसान हित में उचित कदम उठाने मजबूर करें ।

तेजराम विद्रोही
राज्य सचिव
अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा

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