छत्तीसगढ़

फ़ाइनल मुक़ाबले के लिए मैच ओफ़्फ़िसियल का हुआ ऐलान, भारत के लिए ‘अनलकी’ साबित होने वाला यह अंपायर भी शामिल

फ़ाइनल मुक़ाबले के लिए इंग्लैंड के रिचर्ड इलिंगवर्थ और रिचर्ड केटलबोरो को ऑन-फील्ड अंपायर के रूप में चुना गया है।...

जीजा-साली, पति-पत्नी से लेकर चाचा-भतीजी तक, राजस्थान चुनाव में कैसे हो रहे इतने दिलचस्प मुकाबले

राजस्थान राजस्थान विधानसभा चुनाव में हर 5 साल बाद सत्ता परिवर्तन का रिवाज नजर आता है। ऐसा कह सकते हैं...

आरबीआई ने रुपये में व्यापार करने में निर्यातकों की मदद के लिए बैंकों को विशेष खाता खोलने की अनुमति दी

आरबीआई ने रुपये में व्यापार करने में निर्यातकों की मदद के लिए बैंकों को विशेष खाता खोलने की अनुमति दी...

मैथ्यू हेडन ने की भविष्यवाणी बोले – टीम इंडिया इस बार वर्ल्ड चैंपियन बन सकती

आईसीसी से बातचीत के दौरान मैथ्यू हेडन ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि टीम इंडिया इस बार वर्ल्ड चैंपियन बन...

अभिनेत्री विजयाशांति तेलंगाना में बनी कांग्रेस की मुख्य संयोजक

नई दिल्ली कांग्रेस ने हाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) छोड़कर पार्टी में लौटी पूर्व लोकसभा सदस्य और प्रसिद्ध अभिनेत्री...

गेंदबाजी विभाग में ऑस्ट्रेलिया पर भारी भारत, फाइनल में रोहित शर्मा से बड़ी पारी की उम्मीद

अहमदाबाद. महान बल्लेबाज गुंडप्पा विश्वनाथ का मानना है कि तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी के शानदार फॉर्म में होने से विश्व...

भारत की मजबूती का आधार स्तंभ थी इंदिरा गांधी, दिया था गरीबी हटाओ का नारा : डॉ. महंत

रायपुर छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने भारत की पूर्व प्रधानमंत्री प्रियदर्शिनी इंदिरा गाँधी की जयंती पर स्मरण करते...

मालदीव के राष्ट्रपति बनते ही भारत विरोध में उतरे मोहम्मद मुइज्जू, भारतीय सेना के खिलाफ उगला जहर

माले मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने पदभार संभालने के तुरंत बाद से ही भारत के खिलाफ जहर उगलना शुरू...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।