छत्तीसगढ़

राज्यवर्धन सिंह राठौड़ हुए मोदी मंत्रिमंडल से बाहर, क्या BJP ने बनाया है ये प्लान?

नई दिल्ली: पिछली सरकार के स्टार मंत्री रहे राज्यवर्धन राठौड़ इस बार मोदी-शाह की पसंद नहीं बन पाए और मंत्रिमंडल...

एडमिरल करमबीर सिंह ने नौ सेना प्रमुख के रूप में पदभार संभाला

नई दिल्ली: नौसेना के नए प्रमुख वाइस एडमिरल करमबीर सिंह (Karambir Singh) ने आज यानी शुक्रवार को पदभार संभाल लिया. एडमिरल करमबीर...

मोदी सरकार में इस बार अहम जिम्मेदारियां निभाएंगी ये 6 महिलाएं, जानें उनका नाम…

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2019) में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  (Modi Government)  ने दूसरे कार्यकाल...

लखनऊ के अस्पताल में भर्ती रविन्द्र चौबे से मीले बृजमोहन-अजय

लखनऊ के अस्पताल में भर्ती रविन्द्र चौबे से मीले बृजमोहन-अजय रायपुर/29/04/2019/ लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान मैं भर्ती...

लखनऊ लोकसभा में राजनाथ के लिए टीम बृजमोहन ने संभाला मोर्चा..

लखनऊ लोकसभा में राजनाथ के लिए टीम बृजमोहन ने संभाला मोर्चा... ● वरिष्ठ भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल,अजय चंद्राकर, शिवरतन शर्मा,...

जंगल से गायब हो रही है सागौन – तस्कर सक्रिय .. वन विभाग मौन……

जंगल से गायब हो रही है सागौन -  तस्कर सक्रिय .. वन विभाग मौन...… मामला केबिनेट मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र...

कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर ने किया गुरूर ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा…

कांग्रेस प्रत्याशी बीरेश ठाकुर ने किया गुरूर ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा. बालोद. बालोद जिले के विकास खंड गुरूर...

महासमुंद लोकसभा में कांग्रेस को एक लाख चौसठ हजार दो सौ बहत्तर वोटो की बढ़त, परन्तु भाजपा के लिए भी है मौक़ा – तीव कुमार सोनी

महासमुंद लोकसभा में कांग्रेस को एक लाख चौसठ हजार दो सौ बहत्तर वोटो की बढ़त, परन्तु भाजपा के लिए भी...

संजय नेताम चुनाव प्रचार अभियान में पहुचे उड़ीसा,आम जनता का मिल रहा भारी समर्थन ।

संजय नेताम चुनाव प्रचार अभियान में पहुचे उड़ीसा,आम जनता का मिल रहा भारी समर्थन । चंदाहांडी । गरियाबंद जिले के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।