जंगल से गायब हो रही है सागौन – तस्कर सक्रिय .. वन विभाग मौन……

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जंगल से गायब हो रही है सागौन –  तस्कर सक्रिय
.. वन विभाग मौन……

मामला केबिनेट मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र से.
बालोद.. बालोद जिले के ड़ोंड़ीलोहारा. क्षेत्र में इन दिनों जंगल में बेस्कीमती इमारति लकड़ी सैगोन की बड़ी मात्रा में कटाई किया गया है. पूरा मामला अवैध तस्करी का होना प्रतीत होता है. ड़ोंड़ीलोहारा क्षेत्र वनछादित क्षेत्र है. जहां पर बेस्कीमती इमारती पेड़ो से भरा हुआ है.

जिसे कुछ तस्करों द्वारा खुल कर तस्करी की जा रही है. कुछ समय पूर्व जब हमारे संवाददाता ने समाचार प्रकाशित किया था।तब आनन फानन में विभागीय अधिकारियों ने ठूंठ ढूढते जंगल जरूर गए मगर असफल रहे.. लेकिन कार्यवाही के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति किया गया. वन विभाग का कार्यवाही सिर्फ कागजों पर ही सिमट गया है. जिस तरह से क्षेत्र में अंधाधुंध पेड़ो की कटाई किया गया है. ऎसा लगता है. की. बिना विभागीय कर्मचारियों के साथ सांठ गांठ से संभव नहीं हो सकता. कुसुमकसा वन परिक्षेत्र बीटक्रमांक 180. आर एफ पीपर खार 132 /220 . मे जीता जागता उदाहरण है. वन्य प्राणी संरक्षण के लिए वहां पर ड़बरी निर्माण किया गया है

. जहां पर बेस्कीमती इमारती लकड़ियों की कटाई कर लकडी गायब कर दिया गया है।इसी तरह से कक्ष क्रमांक
. 191 RF…… कक्ष क्रमांक. 179 RF…. कक्ष क्रमांक 57. मे भी कटाई किया गया है. जिसकी ठूंठ आज भी. है. बहरहाल जब हमारे टीम जंगल क्षेत्र में जाकर ग्रामीणों से चर्चा की गई तो. बेहद रोचक बाते सामने आई है.जीससे ऎसा लगता है कि तस्करों के आगे वन विभाग बौने साबित हो रहे हैं. जिस जगह पर सैगोन लकड़ियों की कटाई की गई है. वहां से महज 4 किलोमीटर दूर वनोपज जांच नाका है. वही क्षेत्र में एक व्यक्ति जो कि लकड़ी तस्कर है कि भूमिका संदिग्ध है. के द्वारा अपने कुछ गुर्गों के द्वारा जंगल से बेस्कीमती सैगोन लकड़ी की तस्करी किया जा रहा है.

वही जंगल क्षेत्र के भोले भाले आदिवासी किसानो को. बहला फुसला कर औने पौने दामों में. सैगोन की बड़ी मात्रा में कटाई किया गया है. लोगो को परमिशन करा कर लकड़ी काटने बात कह कर. लोगो को दिग्भ्रमित कर. अवैध रूप से कटाई किया गया है. अब बड़ा सवाल यह है. ड़ोंड़ीलोहारा क्षेत्र में कई जगह. वनॉपज जांच के लिए नाका बनाया गया है. लेकिन अभी तक एक भी प्रकरण दर्ज नहीं किया गया है. जिससे तस्करों के हौसले बुलंद हैं. वन विभाग की लापरवाही कहे या फिर जाने अनजाने की गलती. चाहे जो भी हो .

अब तो सिर्फ देखना होगा कि वन क्षेत्र में कितना तस्करी हुआ है. समाचार प्रकाशित होने के बाद क्षेत्र में अवैध तस्करी के खिलाफ आवाज उठने लगी है. कुछ स्वयं सेवी संगठनों के द्वारा. अवैध तस्करी के खिलाफ. खड़े होने का संकेत दिया गया है. वही मामला प्रदेश के केबिनेट मंत्री के गृह विधानसभा क्षेत्र के होने के बाद भी. विभागीय अधिकारियों द्वारा कोई भी कार्यवाही नहीं किया गया. मामले में क्या कार्यवाही होगी यह बड़ा सवाल है….

उक्त संबंध में जब रेंजर से बात करने की कोशिश की गई. लेकिन रेंजर दौरे पर होने के कारण समाचार लिखे जाने तक बात नहीं पाई है.

श्याम नेताम. के साथ के नागे ड़ोंड़ी लोहारा. बालोद

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