छत्तीसगढ़

*बैंक कर्मचारी को महिला स्व: सहायता समूह के खातों से 3.73900 रुपए गबन करना पड़ा भारी,आरोपी बैंक कर्मचारी पहुंचा सलाखों के पीछे*

*बैंक कर्मचारी को महिला स्व: सहायता समूह के खातों से 3.73900 रुपए गबन करना पड़ा भारी,आरोपी बैंक कर्मचारी पहुंचा सलाखों...

*आचार संहिता खत्म होते ही एक्शन मोड में नजर आए पूर्व मंत्री राजेश मूणत* *रायपुर शहर के कई इलाकों का किया दौरा, अफसरों को व्यवस्था सुधारने दिए निर्देश*

*आचार संहिता खत्म होते ही एक्शन मोड में नजर आए पूर्व मंत्री राजेश मूणत* *रायपुर शहर के कई इलाकों का...

*गुढ़ियारी में एक करोड़ की लागत से बनेगा शासकीय महाविद्यालय* *महाविद्यालय निर्माण हेतु भूमि का किया गया चिन्हांकन* *पूर्व मंत्री राजेश मूणत की मांग पर बजट में किया गया प्रावधान*

*गुढ़ियारी में एक करोड़ की लागत से बनेगा शासकीय महाविद्यालय* *महाविद्यालय निर्माण हेतु भूमि का किया गया चिन्हांकन* *पूर्व मंत्री...

*डॉ सत्यजीत साहू ने बाल मधुमेह पर कार्यशाला का आयोजन किया*

*डॉ सत्यजीत साहू ने बाल मधुमेह पर कार्यशाला का आयोजन किया*     रायपुर स्थित एक निजी चिकित्सालय में बाल...

*विश्व तंबाखू निषेध दिवस पर प्रदर्शनी का आयोजन, मूणत ने तंबाखू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने की अपील*

*विश्व तंबाखू निषेध दिवस पर प्रदर्शनी का आयोजन, मूणत ने तंबाखू के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने की अपील*  ...

*अवैध गांजा परिवहन करते एक आरोपी को किया गिरफ्तार आरोपियो के कब्जे से कुल 3 किलो 338 ग्राम गांजा बराम*

*अवैध गांजा परिवहन करते एक आरोपी को किया गिरफ्तार आरोपियो के कब्जे से कुल 3 किलो 338 ग्राम गांजा बराम*...

*छत्तीसगढ़ के विशेष संरक्षित जनजाति के ग्राम विकास कार्यक्रम के लिये प्रयोग आश्रम में विचार बैठक संपन्न हुई*

*छत्तीसगढ़ के विशेष संरक्षित जनजाति के ग्राम विकास कार्यक्रम के लिये प्रयोग आश्रम में विचार बैठक संपन्न हुई*    ...

*पक्षियों की प्यास बुझाने वक्ता मंच ने निशुल्क संकोरे बांटे*

*पक्षियों की प्यास बुझाने वक्ता मंच ने निशुल्क संकोरे बांटे*   रायपुर:-सामाजिक सरोकार के तहत राजधानी में सामाजिक संस्था वक्ता...

*आबकारी विभाग द्वारा नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी, 25 लीटर कच्ची हाथ भट्टी शराब के साथ आरोपी को पकड़ा*

आबकारी विभाग द्वारा नशे के खिलाफ लगातार कार्रवाई जारी, 25 लीटर कच्ची हाथ भट्टी शराब के साथ आरोपी को पकड़ा...

STSC संरक्षण समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर सोनपिपरे का अगले सप्ताह गरियाबंद जिला प्रवास | उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व  के पीड़ित आदिवासियों से करेंगे मुलाक़ात और उनको अधिकार न्याय दिलाने छेड़ेंगे आन्दोलन |

रायपुर | STSC संरक्षण समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवशंकर सोनपिपरे का अगले सप्ताह गरियाबंद जिला के प्रवास पर रहेंगे  |...

You may have missed

” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।