छत्तीसगढ़

*ग्राम पंचायत सरधाभांठा: निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप, सरपंच की भूमिका पर उठे सवाल*

*ग्राम पंचायत सरधाभांठा: निर्माण कार्यों में भ्रष्टाचार का आरोप, सरपंच की भूमिका पर उठे सवाल*     सरसींवा (सारंगढ़-बिलाईगढ़) –...

दुर्ग में DSP ने डॉक्टर की पत्नी से पहले की मारपीट, फिर किया दुष्कर्म

दुर्ग छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक पुलिस उपाधीक्षक (DSP) ने डॉक्टर की पत्नी से दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया...

सीएम साय ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर जताया शोक

रायपुर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शोक व्यक्त किया है. इसके साथ...

भाजपा संगठन की आज होगी महत्वपूर्ण बैठक, रायपुर पहुंचे भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन

रायपुर भाजपा संगठन की आज महत्वपूर्ण बैठक होगी. बीजेपी स्वच्छ रूप से सभी को मौका देती है. बीजेपी का यह...

कन्या विद्यालय में आयोजित किया गया वीर बाल दिवस

मनेद्रगढ़/एमसीबी सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह के साहबजादे जोरावर सिंह ,फतेह सिंह अजीत सिंह एवं जुझार सिंह के शहादत...

मां नाथल दाई पर्यटन केंद्र के रूप में होगा विकसित – मुख्यमंत्री साय

 छत्तीसगढ़ के कण कण में बसी हुई है भगवान श्रीराम की स्मृतियां - मुख्यमंत्री साय मां नाथल दाई पर्यटन केंद्र...

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव की बिटिया राष्ट्रीय जूडो खिलाड़ी

रायपुर राष्ट्रपति भवन नई दिल्ली में आयोजित प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2024 से राष्ट्रीय जुडो खिलाड़ी, कोंडागांव की बिटिया हेमबती...

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल कार्यक्रम में पूरे देश में 57 लाख अधिकार अभिलेख करेंगे वितरण

रायपुर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की वर्चुअल उपस्थिति में 27 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के 10 जिलों में स्वामित्व योजना के तहत...

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर किया दुःख व्यक्त

रायपुर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर दुःख व्यक्त करते हुए कहा कि ...

महाकुंभ के दौरान 3,000 स्पेशल ट्रेनें सहित 13,000 से अधिक ट्रेनें दौड़ेगी, छत्तीसगढ़ से चलेंगी पांच स्पेशल ट्रेनें

रायपुर प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ को ध्यान में रखकर रेलवे ने संगम में स्नान करने वाले श्रद्वालुओं को बड़ी...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।