छत्तीसगढ़

*संकल्प नशा मुक्ति केंद्र द्वारा गांधी जी की पुण्यतिथि पर महापुरुषों को दी गई श्रद्धांजलि…*

*संकल्प नशा मुक्ति केंद्र द्वारा गांधी जी की पुण्यतिथि पर महापुरुषों को दी गई श्रद्धांजलि...* रायपुर - संकल्प सांस्कृतिक समिति...

*रोड सेफ्टी विषय पर अखिल भारतीय कार्टून प्रतियोगिता का आयोजन*

*रोड सेफ्टी विषय पर अखिल भारतीय कार्टून प्रतियोगिता का आयोजन*     रायपुर. यातायात सप्ताह के अवसर पर देश की...

*जिला पंचायत के लिए भाजपा ने नेहा दीपक सिंघल, गौरी शंकर कश्यप एवं शोभा चंद्र पात्र को दिया टिकट*

*जिला पंचायत के लिए भाजपा ने नेहा दीपक सिंघल, गौरी शंकर कश्यप एवं शोभा चंद्र पात्र को दिया टिकट*  ...

*उच्च वर्ग सेवानिवृत शिक्षक एसके अठभैया मोहरा निवास डंडेसरा ने कराया नेवता भोज*

*उच्च वर्ग सेवानिवृत शिक्षक एसके अठभैया मोहरा निवास डंडेसरा ने कराया नेवता भोज*     बालोद, गुरुर,,, जिले के गुरुर...

*शोभा यादव का कांग्रेस से टिकट कटने के बाद महापौर चुनाव लड़ रही है निर्दलीय…*

*शोभा यादव का कांग्रेस से टिकट कटने के बाद महापौर चुनाव लड़ रही है निर्दलीय...*     रायपुर - वरिष्ठ...

*जैतू साव मठ के अजय तिवारी का एक और बड़ा कारनामा लोगों का हल्ला बोल ग्राम सेवा समिति की जमीन को बेचने का आरोप…50 साल से रह रहे लोग हो रहे है बेघर* *रायपुर कलेक्टर खामोश …*

*जैतू साव मठ के अजय तिवारी का एक और बड़ा कारनामा लोगों का हल्ला बोल ग्राम सेवा समिति की जमीन...

*अर्जुनदास वासवानी ने भगवतीचरण वार्ड क्रमांक 57 से पार्षद के लिए पेश की अपनी दावेदारी…*

  *अर्जुनदास वासवानी ने भगवतीचरण वार्ड क्रमांक 57 से पार्षद के लिए पेश की अपनी दावेदारी...*     रायपुर- सामाजिक...

*अर्जुन दास वाशवानी ने भगवतीचरण वार्ड 57 से पार्षद के लिए पेश की अपनी दावेदारी…*

*अर्जुन दास वाशवानी ने भगवतीचरण वार्ड 57 से पार्षद के लिए पेश की अपनी दावेदारी...*   रायपुर- सामाजिक कार्यकर्ता अर्जुन...

गरियाबंद एसपी IPS निखिल राखेचा की कुशल रणनीति से घेरे गए नक्सली | IPS निखिल राखेचा अबूझमाड़ और सुकमा में संभाल चुके हैं मोर्चा | नक्सली इलाके में कुशल रणनीति से दो साल काम करने का है अनुभव |

रायपुर | छत्तीसगढ़ में पहली बार गरियाबंद जिले में 80 घंटे से ज्यादा समय तक पुलिस-नक्सलियों के बीच मुठभेड़ चली,...

*ऑल इंडिया पाफी पैरा आर्मरसलिंग कप 2025 में सक्षम दिव्यांग स्कूल के चार दृष्टि बाधित छात्र 14 मेडल हासिल किए ग्वालियर में रहा दिव्यांग बच्चो का बेहतरीन प्रदर्शन*

ऑल इंडिया पाफी पैरा आर्मरसलिंग कप 2025 में सक्षम दिव्यांग स्कूल के चार दृष्टि बाधित छात्र 14 मेडल हासिल किए...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।