छत्तीसगढ़

हाथी और बाघ संरक्षण पर आधारित एक दिवसीय अंतर्राज्यीय सम्मेलन

रायपुर, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों ने हाथियों और बाघों के संरक्षण के लिए ‘लैंडस्केप एप्रोच’ अपनाने की आवश्यकता पर...

कोरबा जिले में 40 हाथियों का झुंड मचा रहा आतंक, धान खरीदी केंद्र में मचाया उत्पात

कोरबा छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में हाथियों ने आतंक मचा दिया है. एक तरफ जिले के चिचिया गांव में केवल...

केन्द्रीय मंत्री नड्डा ने 1124 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्याें का किया लोकार्पण और शिलान्यास

छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष को मनाया जाएगा अटल निर्माण वर्ष के रूप में 3 दिसंबर से 13 दिसंबर तक...

ग्रैमी-नामांकित लॉयर कॉटलर के साथ सहयोग करना मेरे लिए गर्व और खुशी की बात: सोनु सूद

मुंबई, बॉलीवुड अभिनेता-निर्देशक सोनू सूद का कहना है कि ग्रैमी-नामांकित लॉयर कॉटलर के साथ सहयोग करना मेरे लिए गर्व और...

कबीरधाम में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, बीते साल के प्रश्न पत्र दिए अर्धवार्षिक परीक्षा में

कबीरधाम छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले में शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है। इस लापरवाही के चलते जिले के...

यंग लीडर्स अवार्ड से सम्मानित हुए भाजपा के युवा नेता उज्जल दीपक

रायपुर भाजपा के युवा नेता उज्ज्वल दीपक को राजनीति के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान, नेतृत्व क्षमता और समाज में सकारात्मक...

11 माओवादियों ने सीआरपीएफ कमांडेंट के पास किया आत्मसमर्पण

मलकानगिरी ओडिशा में एक बड़ी घटना के तहत 11 माओवादियों ने सीआरपीएफ कमांडेंट के पास आत्मसमर्पण कर दिया. यह माओवादी...

भीषण सड़क हादसा: ट्रक और पिकअप के बीच आमने-सामने की भिड़त, 2 लोग गंभीर रूप से घायल

सूरजपुर छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में अभी-अभी एक भीषण सड़क हादसा हो गया. प्रतापपुर-बलरामपुर मार्ग पर एक ट्रक और पिकअप में...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।