छत्तीसगढ़

वाहनों में हुई हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन नंबर प्लेट हुआ अनिवार्य, 15 दिसंबर से कटेगा चालान

निवाड़ी. उच्च न्यायालय द्वारा जारी किए गए आदेश के परिपालन में आगामी 15 जनवरी 2024 तक शत-प्रतिशत वाहनों में हाई...

10वीं-12वीं की परीक्षा तारीखों का राज्य ओपन बोर्ड ने किया ऐलान, देखें पूरा शेड्यूल

भोपाल. मप्र राज्य ओपन स्कूल शिक्षा बोर्ड ने दिसंबर में आयोजित होने वाली 10वीं और 12वीं (परंपरागत), रुक जाना नहीं,...

कार्तिक पूर्णिमा से पहले मुख्यमंत्री ने लगाई महादेव घाट में आस्था की डुबकी

रायपुर कार्तिक पूर्णिमा से ठीक एक दिन पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर के महादेव घाट में आस्था की डुबकी...

पीएम पद का चेहरा बनने की होड़ बिगाड़ सकती है ‘इंडिया’ गठबंधन का खेल

लखनऊ लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, इंडिया गठबंधन अपनी योजना बनाने की जगह आपसी विवादों और उलझनों का...

कोरबा में बैंक कैशियर ने महिला से की 35 हजार की ठगी, खाते में नहीं जमा की रकम, पुलिस ने किया गिरप्तार

कोरबा. कोरबा में चैतमा पुलिस ने साइबर सेल की मदद से ठगी करने वाले बैंक कैशियर को गिरफ्तार कर लिया...

संविधान दिवस पर खड़गे- असहमति को दबाया जा रहा है

नई दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि भारत का संविधान लोकतंत्र की जीवन रेखा है और...

जिनके पास घर नहीं, उनके लिए कांग्रेस जबरदस्त स्कीम लाएगी, महिलाओं को बस में फ्री सफर की सुविधा : राहुल गांधी

तेलंगाना तेलंगाना में राहुल गांधी ने सरकार बनने पर कई बड़ा ऐलान किए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को बस में...

भोपाल में जुटे कांग्रेस प्रत्याशियों ने संगठन को सौंपी रिपोर्ट

भोपाल कांग्रेस के अधिकांश उम्मीदवारों ने रविवार को अपने क्षेत्र की रिपोर्ट संगठन को दी है। इनमें से अधिकांश ने...

जीआरपी पुलिस ने पकड़े खंडवा में ट्रेन की खिड़की से यात्रियों का मोबाइल छीनकर भागने वाले चोर

खंडवा ट्रेन में सफर करते समय आपको बेहद सावधान रहना चाहिए। नहीं तो आपके साथ भी लूट की घटना हो...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।