छत्तीसगढ़

तेलंगाना चुनाव: राहुल गांधी 17 नवंबर को पांच विधानसभा क्षेत्रों में सभाओं को संबोधित करेंगे

हैदराबाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी  चुनावी राज्य तेलंगाना में पांच विधानसभा क्षेत्रों में नुक्कड़ सभाओं को संबोधित करेंगे।...

देश भर में चली 17 सौ पूजा स्पेशल ट्रेने छठ पूजा पर दो स्पेशल ट्रेन मिली

रायपुर/ बिलासपुर भारतीय रेलवे ने इस वर्ष अब तक त्योहारों के अवसर पर पूरे देशभर में 1700 स्पेशल ट्रेनों का...

बजाज फाइनेंस लिमिटेड की डिजिटल लोन में खामियां, आरबीआई ने लोन बांटने पर लगाई रोक

नई दिल्ली रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बजाज फाइनेंस लिमिटेड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। आरबीआई ने बजाज फाइनेंस...

मालवा-निमाड़ में 10 हजार से अधिक स्थानों पर ग्रीन एनर्जी से बिजली उत्पादन

रतलाम हरियाली संरक्षण के साथ ही ग्रीन एनर्जी के लिए शहर व अंचल के लोगों में रुचि बढ़ती जा रही...

छत्तीसगढ़ में आखिरी चरण की 70 विधानसभा सीटों पर मतदान आज

रायपुर  छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के दूसरे एवं आखिरी चरण की 70 विधानसभा सीटों पर कल मतदान शुरू हुआ ।...

चीन की नई चाल रूसी इलाके का रख रहा चीनी नाम, पुतिन के गढ़ पर ड्रैगन ने ठोका दावा!

बीजिंग/मास्‍को भारत के अरुणाचल प्रदेश के कई इलाकों का चीनी नाम रखने के बाद अब चीन का दुस्‍साहस बढ़ता ही...

इकॉनोमी का दम निकाल रहा है सोना, एक महीने में ही इंपोर्ट हुआ करीब दूना

नई दिल्ली भारत में सोने (Gold) का मोह कुछ ज्यादा ही है। हर लोग सोना खरीदना चाहते हैं। चाहे शादी-ब्याह...

बघेल कुरुदडीह, अकबर मौदहापारा, बाबा बाबूपारा, महंत सरागांव व भगत सीतापुर में डालेंगे वोट

रायपुर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में 2018 में चुनी गई सरकार के मंत्रीगण आज अपने मताधिकार का प्रयोग कर...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।