छत्तीसगढ़

डॉ.रमन ने किया 17 नवंबर को होने वाले मतदान की तिथि बदलने किया आग्रह

रायपुर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सोशल मीडिया पर पोस्ट...

भजन संध्या का आयोजन करता हैं हिंदू संस्कृति को जागृत : बृजमोहन

रायपुर समाजसेवी संस्था ब्लू बर्ड आ`न द स्काई फाउंडेशन और टीम एमकेजी मनोज गोयल ने स्वर्गीय डबलू ठाकुर की याद...

भाजपा का सवाल : क्या भूपेश अब ईडी, आईटी, सीबीआई के साथ हाईकोर्ट का नाम भी जोड़ेंगे?

रायपुर छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में गिरफ्तार लोगों की जमानत याचिका खारिज करते हुए हाई कोर्ट ने जो टिप्पणी की...

भाजपा सांप्रदायिकता और ईडी के आधार पर चुनाव लडना चाह रही: कांग्रेस

रायपुर भाजपा छत्तीसगढ़ का चुनाव दो मुद्दों पर केंद्रित करना चाह रही भ्रम और भय जिसमें हिन्दू-मुस्लिम और सांप्रदायिकता फैलाकर...

कांग्रेस प्रत्‍याशियों की दूसरी सूची जारी, 53 के नाम शामिल, देखे किसे कहां से मिली टिकट

रायपुर प्रदेश कांग्रेस ने प्रत्‍याशियों की दूसरी सूची जारी कर दी गई है। इसमें 53 लोगों के नाम शामिल किए...

अमित शाह आज नामांकन रैली में होंगे शामिल

बस्तर/जगदलपुर. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह गुरुवार को बस्तर संभाग के जगदलपुर व कोण्डागांव में जनसभा को संबोधित करेंगे। साथ ही...

कांग्रेस की दूसरी सूची में 10 महिलाओं को मिला मौका

अंबिकापुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने 53 प्रत्याशियों को सियासी रण में उतार दिया है। पार्टी ने 17...

रेणुका ने फिर सोनिया पर साधा निशाना

मनेंद्रगढ़. छत्तीसगढ़ में विधानसभ चुनावों को लेकर सियासी पारा हाई है। मनेंद्रगढ़ क्षेत्र में केंद्रीय राज्य मंत्री और भरतपुर-सोनहत विधानसभा...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।