छत्तीसगढ़

ट्रूडो ने दोहराए आरोप तो बिगड़े पन्नू के भी बोल, भारतीय उच्चायुक्त को कनाडा में बंदी बनाने की साजिश

नई दिल्ली. SFJ यानी प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू इस बार भारतीय उच्चायुक्त को निशाना...

सलमान खान घर वालों और यहां तक कि उनसे लगातार बहस करने के लिए खानजादी को फटकार लगाते नजर आ रहे हैं

मुंबई 'बिग बॉस 17' के कंटेस्टेंट्स हर दिन अपने लड़ाई-झगड़ों और ड्रामे के साथ घर में धूम मचा रहे हैं।...

चीन का रियल एस्टेट संकट दुनिया को ले डूबेगा ! यूरोप का सबसे बड़े बैंक भी आया चपेट में

नई दिल्ली जिसकी आशंका थी वही हुआ। चीन का रियल एस्टेट संकट धीरे-धीरे पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लेने...

आस्ट्रेलिया के पास सेमीफाइनल जीतने का अनुभव लेकिन हम हर हालत में जीत के इरादे से उतरेंगे : वान डेर डुसेन

अहमदाबाद दक्षिण अफ्रीका के बल्लेबाज रासी वान डेर डुसेन का मानना है कि पांच बार की चैम्पियन आस्ट्रेलिया के पास...

दुर्ग व पटना के मध्य एक फेरे के लिए छठ पूजा स्पेशल एक्सप्रेस ट्रेन की सुविधा 15 व 16 को

बिलासपुर छठ पूजा के दौरान ट्रेन में होने वाली अतिरिक्त भीड़-भाड़ के दौरान यात्रियों को अधिक से अधिक कन्फर्म बर्थ/सीट...

राम चरण ने 12 नवंबर को ग्रैंड दिवाली पार्टी रखी, जिसमें कई साउथ फिल्म स्टार्स शामिल हुए

12 नवंबर को देशभर में दिवाली का त्योहार पूरे जोश के साथ मनाया गया। देश का कोना-कोना रोशनी में नहा...

World Cup 2023: जानिए इस बार से फाइनल-सेमीफाइनल टाई हुए तो क्या होगा, बदले सुपर ओवर के नियम

नई दिल्ली भारत की मेजबानी में आईसीसी वनडे वर्ल्ड कप 2023 खेला जा रहा है, जो हर एक मैच के...

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” सिनेमा एंड बियांड और नुक्कड़ कैफे द्वारा आयोजित “भारतीय सिनेमा में महिला लेखिकाओं एंव निर्देशकों का योगदान – एम.एल. नत्थानी कवि,लेखक, शिक्षाविद, भारतीय सिनेमा के लगभग 100 साल के इतिहास में महिला लेखिकाओं और निर्देशकों ने अपने कल्पनाशील विचारों एंव आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही यथार्थवादी धरातल पर पुरुष पात्रों के ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” को सिनेमा के सुनहरे पर्दे पर लगभग प्रत्येक दशक में अपनी अंतर्दृष्टि से रेखांकित किया है । अतीत से वर्तमान कालखंड में अनेक महिला फिल्मकारों ने सिनेमाई रुपहले पर्दे पर पुरानी सोच के रुढ़िवादी पुरुष पात्रों को नए परिवेश में आधुनिक दृष्टिकोंण के साथ ही मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील, बुद्धिमान होने के साथ ही अनंत गहराईयों को शिद्दत के साथ जिंदगी को जिन्दादिली के साथ जीने के लिए प्रतिबद्ध है । यह सिनेमाई पर्दे पर महिला फिल्मकारों की नई सोच और सृजन के अद्भुत हस्ताक्षर हैं । भारतीय सिनेमा के शुरूआती कालखंड में महिला फिल्मकारों में साहसी एंव प्रतिभावान फातिमा बेगम और देविका रानी उल्लेखनीय नाम हैं । समय के साथ महिला फिल्मकारों की भूमिका का चित्रण भी निरंतर बदलता रहा है । वस्तुतः सिनेमा के माध्यम से समाज में तेजी से बदलते जीवन मूल्यों को ” पुरुष पात्रों ” को महिला फिल्मकारों ने अपने आधुनिक नजरिए एंव पैनी अंतर्दृष्टि से विवधता के नए आयाम स्थापित किए हैं । महिला फिल्मकारों के सृजनशील सशक्त हस्ताक्षर :- ************************ 1 फातिमा बेगम – बुलबुल ए परिसतान 2 देविका रानी – कर्मा 3 नंदिता दास – फिराक 4 दीपा मेहता – फायर 5 अरुणा राजे – रिहाई 6 कल्पना लाजमी – रूदाली 7 अर्पणा सेन – मिस्टर एंड मिसेज अय्यर 8 मीरा नायर – मानसून वेडिंग 9 गुरविंदर चड्डा – बेंड इट लाइक बेकहम 10 अनुशा रिजवी – पीपली लाईव 11 किरण राव – धोबी घाट 12 भावना तलवार – धरम 13 रीमा कागती – तलाश 14 रेवती – मित्र माई फ्रेंड 15 मेघना गुलजार – तलवार, राजी,छपाक 16 गोरी शिंदे – इंग्लिश विंगलिश 17 जोया अख्तर – लक बाय चांस, जिंदगी ना मिलेगी दोबारा,दिल धड़कने दो 18 फराह खान – ओम शांति ओम, मैं हूं ना 19 कोंकणा सेन शर्मा – अ डेथ इन द गंज 20 लीना यादव – दि एंड निष्कर्ष :- इस तरह से भारतीय सिनेमा का इतिहास महिला फिल्मकारों के सृजनशील और सशक्तिकरण के नित नई सोच और आधुनिक दृष्टिकोंण का बदलता हुआ प्रतिबिंब है । आज महिला फिल्मकारों ने ग्लोबल स्तर पर अच्छे कंटेंट राईटर के कारण सिनेमा और ओटीटी प्लेटफार्म पर भी इस डिजिटल युग में वैश्विक पहचान बनाई है । भारतीय सिनेमा में अब पुरुषों को लेकर नए दृष्टिकोंण और वैश्विक स्तर के कंटेंट राईटर निरंतर सक्रियता के साथ महिला फिल्मकारों ने समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाने में आधुनिक तकनीक और विज्ञान के साथ ही नए ” संवेदनशील और साहसी पुरुषत्व ” की सिनेमाई छबि को परिभाषित करने में कामयाब हुए हैं । सादर ।